अमरकोषसम्पद्

         

अरविन्द (नपुं) == कामबाणः

अरविन्दमशोकं च चूतं च नवमल्लिका 
स्वर्गवर्गः 1.1.26.3.1

पर्यायपदानि
 अरविन्दमशोकं च चूतं च नवमल्लिका।
 नीलोत्पलं च पञ्चैते पञ्चबाणस्य सायकाः।
 उन्मादनस्तापनश्च शोषणः स्तम्भनस्तथा।
 संमोहनश्च कामस्य पञ्च बाणाः प्रकीर्तिताः॥

 अरविन्द (नपुं)
 अशोक (नपुं)
 चूत (पुं)
 नवमल्लिका (स्त्री)
 नीलोत्पल (नपुं)
 उन्मादन (नपुं)
 तापन (नपुं)
 शोषण (नपुं)
 स्तम्भन (नपुं)
 सम्मोहन (नपुं)
अर्थान्तरम्
 वा पुंसि पद्मं नलिनमरविन्दं महोत्पलम्॥

 अरविन्द (नपुं) - पद्मम् 1.10.39.2
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