अमरकोषसम्पद्

         

गाङ्गेय (नपुं) == सुवर्णम्

तपनीयं शातकुम्भं गाङ्गेयं भर्म कर्बुरम् 
वैश्यवर्गः 2.9.94.2.3

पर्यायपदानि
 स्वर्णं सुवर्णं कनकं हिरण्यं हेमकाटकम्।
 तपनीयं शातकुम्भं गाङ्गेयं भर्म कर्बुरम्॥
 चामीकरं जातरूपं महारजतकाञ्चने।
 रुक्मं कार्तस्वरं जाम्बूनदमष्टापदोऽस्त्रियाम्॥

 स्वर्ण (नपुं)
 सुवर्ण (नपुं)
 कनक (नपुं)
 हिरण्य (नपुं)
 हेमन् (नपुं)
 हाटक (नपुं)
 तपनीय (नपुं)
 शातकुम्भ (नपुं)
 गाङ्गेय (नपुं)
 भर्मन् (नपुं)
 कर्बुर (नपुं)
 चामीकर (नपुं)
 जातरूप (नपुं)
 महारजत (नपुं)
 काञ्चन (नपुं)
 रुक्म (नपुं)
 कार्तस्वर (नपुं)
 जाम्बूनद (नपुं)
 अष्टापद (पुं-नपुं)
अर्थान्तरम्
 कशेरुहेम्नोर्गाङ्गेयं विशल्या दन्तिकापि च।

 गाङ्गेय (नपुं) - कशेरुः 3.3.156.1
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