अमरकोषसम्पद्

         


Search amarakosha: ग्राम्यधर्म. Page 1

1 ग्राम्यधर्म (पुं)

व्यवायो ग्राम्यधर्मो मैथुनं निधुवनं रतम्
ब्रह्मवर्गः 2.7.57.1.2
अर्थः - मैथुनम्




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