अमरकोषसम्पद्

         

नाट्यवर्गः 1.7.4

ततं वीणादिकं वाद्यमानद्धं मुरजादिकम्
वंशादिकं तु सुषिरं कांस्यतालादिकं घनम्

तत (नपुं) = वीणादिवाद्यम्. 1.7.4.1.1

आनद्ध (नपुं) = मुरजादिवाद्यम्. 1.7.4.1.2

सुषिर (नपुं) = वंशादिवाद्यम्. 1.7.4.2.1

घन (नपुं) = कांस्यतालादिवाद्यम्. 1.7.4.2.2

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