अमरकोषसम्पद्

         

ब्रह्मवर्गः 2.7.24

पृषदाज्यं सदध्याज्ये परमान्नं तु पायसम्
हव्यकव्ये दैवपित्र्ये अन्ने पात्रं स्रुवादिकम्

पृषदाज्य (नपुं) = दधिमिशृतघृतम्. 2.7.24.1.1

परमान्न (नपुं) = क्षीरान्नम्. 2.7.24.1.2

पायस (पुं-नपुं) = क्षीरान्नम्. 2.7.24.1.3

हव्य (नपुं) = देवान्नम्. 2.7.24.2.1

कव्य (नपुं) = पित्रन्नम्. 2.7.24.2.2

पात्र (नपुं) = स्रुवादियज्ञपात्राणि. 2.7.24.2.3

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