अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.14

दीनारेऽपि च निष्कोऽस्त्री कल्कोऽस्त्री शमलैनसोः
दम्भेऽप्यथ पिनाकोऽस्त्री शूलशङ्करधन्वनोः

निष्क (पुं-नपुं) = साष्टशतसुवर्णम्. 3.3.14.1.1

निष्क (पुं-नपुं) = हेम्न्युरोभूषणम्. 3.3.14.1.1

निष्क (पुं-नपुं) = कर्षचतुष्टयम्. 3.3.14.1.1

निष्क (पुं-नपुं) = दीनार नामकनाण्यविशेषः. 3.3.14.1.1

कल्क (पुं-नपुं) = कपटः. 3.3.14.1.2

कल्क (पुं-नपुं) = पापम्. 3.3.14.1.2

कल्क (पुं-नपुं) = मलम्. 3.3.14.1.2

पिनाक (पुं-नपुं) = शूलम्. 3.3.14.2.1

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