अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.23

भोगः सुखे स्त्र्यादिभृतावहेश्च फणकाययोः
चातके हरिणे पुंसि सारङ्गः शबले त्रिषु

भोग (पुं) = आनन्दः. 3.3.23.1.1

भोग (पुं) = सर्पः. 3.3.23.1.1

भोग (पुं) = स्त्र्यादिभृतिः. 3.3.23.1.1

सारङ्ग (पुं) = चातकपक्षी. 3.3.23.2.1

सारङ्ग (पुं) = हरिणः. 3.3.23.2.1

सारङ्ग (वि) = शबलम्. 3.3.23.2.1

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