अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.26

शृङ्गं प्राधान्यसान्वोश्च वराङ्गं मूर्धगुह्ययोः
भगं श्रीकाममाहात्म्यवीर्ययत्नार्ककीर्तिषु

शृङ्ग (नपुं) = पर्वतसमभूभागः. 3.3.26.1.1

शृङ्ग (नपुं) = प्राधान्यम्. 3.3.26.1.1

वराङ्ग (नपुं) = गुह्यदेशः. 3.3.26.1.2

वराङ्ग (नपुं) = शिरः. 3.3.26.1.2

भग (नपुं) = कीर्तिः. 3.3.26.2.1

भग (नपुं) = माहात्म्यम्. 3.3.26.2.1

भग (नपुं) = स्पृहा. 3.3.26.2.1

भग (नपुं) = वीर्यम्. 3.3.26.2.1

भग (नपुं) = धनसमृद्धिः. 3.3.26.2.1

भग (नपुं) = यत्नः. 3.3.26.2.1

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