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Pandanus
दीर्घपृष्ठ (पुं) == सर्पः
दर्वीकरो दीर्घपृष्ठो दन्दशूको बिलेशयः
पातालभोगिवर्गः 1.8.8.1.2
पर्यायपदानि
सर्पः पृदाकुर्भुजगो भुजङ्गोऽहिर्भुजङ्गमः॥
आशीविषो विषधरश्चक्री व्यालः सरीसृपः।
कुण्डली गूढपाच्चक्षुःश्रवाः काकोदरः फणी॥
दर्वीकरो दीर्घपृष्ठो दन्दशूको बिलेशयः।
उरगः पन्नगो भोगी जिह्मगः पवनाशनः॥
लेलिहानो द्विरसनो गोकर्णः कञ्चुकी तथा।
कुम्भीनसः फणधरो हरिर्भोगधरस्तथा।
सर्प (पुं)
पृदाकु (पुं)
भुजग (पुं)
भुजङ्ग (पुं)
अहि (पुं)
भुजङ्गम (पुं)
आशीविष (पुं)
विषधर (पुं)
चक्रिन् (पुं)
व्याल (पुं)
सरीसृप (पुं)
कुण्डलिन् (पुं)
गूढपाद् (पुं)
चक्षुःश्रवस् (पुं)
काकोदर (पुं)
फणिन् (पुं)
दर्वीकर (पुं)
दीर्घपृष्ठ (पुं)
दन्दशूक (पुं)
बिलेशय (पुं)
उरग (पुं)
पन्नग (पुं)
भोगी (पुं)
जिह्मग (पुं)
पवनाशन (पुं)
लेलिहान (पुं)
द्विरसन (पुं)
गोकर्ण (पुं)
कञ्चुकिन् (पुं)
कुम्भीनस (पुं)
फणधर (पुं)
हरि (पुं)
भोगधर (पुं)
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