अमरकोषसम्पद्
amara
other koshas
shabda rupavali
apte etc
sambhashana sandesha
digital corpus
SARIT
Pandanus
मरुत् (पुं) == वायुः
समीरमारुतमरुज्जगत्प्राणसमीरणाः
स्वर्गवर्गः 1.1.62.2.3
पर्यायपदानि
श्वसनः स्पर्शनो वायुर्मातरिश्वा सदागतिः॥
पृषदश्वो गन्धवहो गन्धवाहानिलाशुगाः।
समीरमारुतमरुज्जगत्प्राणसमीरणाः॥
नभस्वद्वातपवनपवमानप्रभञ्जनाः।
श्वसन (पुं)
स्पर्शन (पुं)
वायु (पुं)
मातरिश्वन् (पुं)
सदागति (पुं)
पृषदश्व (पुं)
गन्धवह (पुं)
गन्धवाह (पुं)
अनिल (पुं)
आशुग (पुं)
समीर (पुं)
मारुत (पुं)
मरुत् (पुं)
जगत्प्राण (पुं)
समीरण (पुं)
नभस्वत् (पुं)
वात (पुं)
+वाति (पुं)
पवन (पुं)
पवमान (पुं)
प्रभञ्जन (पुं)
अर्थान्तरम्
इन्द्रो वह्निः पितृपतिर्नैर्ऋतो वरुणो मरुत्।
हस्तौ तु पाणिनक्षत्रे मरुतौ पवनामरौ।
मरुत् (पुं) - वायव्यदिशायाः स्वामी 1.3.2.4
मरुत् (पुं) - वायुदेवः 3.3.59.1
- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue