अमरकोषसम्पद्

         

सैंहिकेय (पुं) == राहुः

तमस्तु राहुः स्वर्भानुः सैंहिकेयो विधुन्तुदः 
दिग्वर्गः 1.3.26.2.4

पर्यायपदानि
 तमस्तु राहुः स्वर्भानुः सैंहिकेयो विधुन्तुदः॥

 तम (पुं)
 +तमस् (नपुं)
 राहु (पुं)
 स्वर्भानु (पुं)
 सैंहिकेय (पुं)
 विधुन्तुद (पुं)
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