अमरकोषसम्पद्

         

क्षत्रियवर्गः 2.8.42

दूष्या कक्ष्या वरत्रा स्यात्कल्पना सज्जना समे
प्रवेण्यास्तरणं वर्णः परिस्तोमः कुथो द्वयोः

दूष्या (स्त्री) = गजमध्यबन्धनचर्मरज्जुः. 2.8.42.1.1

कक्ष्या (स्त्री) = गजमध्यबन्धनचर्मरज्जुः. 2.8.42.1.2

वरत्रा (स्त्री) = गजमध्यबन्धनचर्मरज्जुः. 2.8.42.1.3

कल्पना (स्त्री) = गजसज्जीकरणम्. 2.8.42.1.4

सज्जना (स्त्री) = गजसज्जीकरणम्. 2.8.42.1.5

प्रवेणि (स्त्री) = गजपृष्टवर्ती चित्रकम्बलः. 2.8.42.2.1

आस्तरण (नपुं) = गजपृष्टवर्ती चित्रकम्बलः. 2.8.42.2.2

वर्ण (पुं) = गजपृष्टवर्ती चित्रकम्बलः. 2.8.42.2.3

परिस्तोम (पुं) = गजपृष्टवर्ती चित्रकम्बलः. 2.8.42.2.4

कुथ (स्त्री-पुं) = गजपृष्टवर्ती चित्रकम्बलः. 2.8.42.2.5

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