अमरकोषसम्पद्

         

विशेष्यनिघ्नवर्गः 3.1.92

वृत्ते तु वृत्तव्यावृत्तौ संयोजित उपाहितः
प्राप्यं गम्यं समासाद्यं स्यन्नं रीणं स्नुतं स्रुतम्

वृत (वि) = कृतावरणः. 3.1.92.1.1

वृत्त (वि) = कृतावरणः. 3.1.92.1.2

व्यावृत्त (वि) = कृतावरणः. 3.1.92.1.3

संयोजित (वि) = मेलितः. 3.1.92.1.4

उपाहित (वि) = मेलितः. 3.1.92.1.5

प्राप्य (वि) = प्राप्तुं शक्यः. 3.1.92.2.1

गम्य (वि) = प्राप्तुं शक्यः. 3.1.92.2.2

समासाद्य (वि) = प्राप्तुं शक्यः. 3.1.92.2.3

स्यन्न (वि) = प्रस्नुतम्. 3.1.92.2.4

रीण (वि) = प्रस्नुतम्. 3.1.92.2.5

स्नुत (वि) = प्रस्नुतम्. 3.1.92.2.6

स्रुत (वि) = प्रस्नुतम्. 3.1.92.2.7

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