अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.206

मूर्खेऽर्भकेऽपि बालः स्याल्लोलश्चलसतृष्णयोः
कुलं गृहेऽपि तालाङ्के कुबेरे चैककुण्डलः
स्त्रीभावावज्ञयोर्हेला हेलिः सूर्ये रणे हिलिः
हालः स्यान्नृपतौ मद्ये शकलच्छदयोर्दलम्
तूलिश्चित्रोपकरणशलाकातूलशय्ययोः
तुमुलं व्याकुले शब्दे शष्कुली कर्णपाल्यपि
दवदावौ वनारण्यवह्नी जन्महरौ भवौ

बाल (पुं) = मूर्खः. 3.3.206.1.1

बाल (पुं) = शिशुः. 3.3.206.1.1

लोल (वि) = सतृष्णः. 3.3.206.1.2

कुल (नपुं) = बलभद्रः. 3.3.206.2.1

कुल (नपुं) = गृहम्. 3.3.206.2.1

एककुण्डल (वि) = कुबेरः. 3.3.206.2.2

हेला (स्त्री) = अवमानितम्. 3.3.206.3.1

हेलि (पुं) = सूर्यः. 3.3.206.3.2

हिलि (पुं) = युद्धम्. 3.3.206.3.3

हाल (पुं) = राजा. 3.3.206.4.1

हाल (पुं) = सुरा. 3.3.206.4.1

दल (नपुं) = शकलः. 3.3.206.4.2

तूलि (स्त्री) = चित्रोपकरणशलाका. 3.3.206.5.1

तूलि (स्त्री) = शय्या. 3.3.206.5.1

तूलि (स्त्री) = तूलम्. 3.3.206.5.1

तुमुल (नपुं) = शब्दः. 3.3.206.6.1

तुमुल (नपुं) = व्याकुलम्. 3.3.206.6.1

शष्कुली (स्त्री) = कर्णपाली. 3.3.206.6.2

दव (पुं) = वनम्. 3.3.206.7.1

दाव (पुं) = वनम्. 3.3.206.7.2

भव (पुं) = जननम्. 3.3.206.7.3

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