अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.21

परागः कौसुमे रेणौ स्नानीयादौ रजस्यपि
गजेऽपि नागमातङ्गावपाङ्गस्तिलकेऽपि च

पराग (पुं) = पुष्परेणुः. 3.3.21.1.1

पराग (पुं) = स्नानीयादि गन्धद्रव्यम्. 3.3.21.1.1

पराग (पुं) = रजः. 3.3.21.1.1

गज (पुं) = नागाः. 3.3.21.2.1

गज (पुं) = हस्तिः. 3.3.21.2.1

अपाङ्ग (पुं) = ललाटकृततिलकम्. 3.3.21.2.2

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