अमरकोषसम्पद्

         

अनङ्ग (पुं) == कामदेवः

कन्दर्पो दर्पकोऽनङ्गः कामः पञ्चशरः स्मरः 
स्वर्गवर्गः 1.1.25.2.3

पर्यायपदानि
 मदनो मन्मथो मारः प्रद्युम्नो मीनकेतनः।
 कन्दर्पो दर्पकोऽनङ्गः कामः पञ्चशरः स्मरः॥
 शम्बरारिर्मनसिजः कुसुमेषुरनन्यजः।
 पुष्पधन्वा रतिपतिर्मकरध्वज आत्मभूः।
 नीलोत्पलं च पञ्चैते पञ्चबाणस्य सायकाः।
 संमोहनश्च कामस्य पञ्च बाणाः प्रकीर्तिताः॥
 ब्रह्मसूर्विश्वकेतुः स्यादनिरुद्ध उषापतिः।

 मदन (पुं)
 मन्मथ (पुं)
 मार (पुं)
 प्रद्युम्न (पुं)
 मीनकेतन (पुं)
 कन्दर्प (पुं)
 दर्पक (पुं)
 अनङ्ग (पुं)
 काम (पुं)
 पञ्चशर (पुं)
 स्मर (पुं)
 शम्बरारि (पुं)
 +सम्बरारि (पुं)
 मनसिज (पुं)
 कुसुमेषु (पुं)
 अनन्यज (पुं)
 पुष्पधन्वन् (पुं)
 रतिपति (पुं)
 मकरध्वज (पुं)
 आत्मभू (पुं)
 पञ्चबाण (पुं)
 काम (पुं)
 ब्रह्मसू (पुं)
 विश्वकेतु (पुं)
 +ऋश्यकेतु (पुं)
 +ऋष्यकेतु (पुं)
 +झषकेतु (पुं)
- Show pada
- Show sloka
- Show varga
- Search amarakosha
- Search apte dictionary
- Play audio
- Copy link to clipboard
- Report an issue