अमरकोषसम्पद्

         

आस्तु (अव्य) == कोपः

आ प्रगृह्यस्स्मृतौ वाक्येऽप्यास्तु स्यात्कोपपीडयोः 
नानार्थवर्गः 3.3.241.1.2

पर्यायपदानि
 प्रायो भूम्न्यन्तगमने मन्युर्दैन्ये क्रतौ युधि।
 उत्सेकामर्षयोरिच्छाप्रसरे मह उत्सवः॥
 आ प्रगृह्यस्स्मृतौ वाक्येऽप्यास्तु स्यात्कोपपीडयोः।
 नाम प्राकाश्यसम्भाव्यक्रोधोपगमकुत्सने॥

 मन्यु (पुं)
 उत्सव (पुं)
 आस्तु (अव्य)
 नामन् (अव्य)
अर्थान्तरम्
 आ प्रगृह्यस्स्मृतौ वाक्येऽप्यास्तु स्यात्कोपपीडयोः।

 आस्तु (अव्य) - दुःखम् 3.3.241.1
आस्तु (अव्य) == दुःखम्

आ प्रगृह्यस्स्मृतौ वाक्येऽप्यास्तु स्यात्कोपपीडयोः 
नानार्थवर्गः 3.3.241.1.2

पर्यायपदानि
 प्रायो भूम्न्यन्तगमने मन्युर्दैन्ये क्रतौ युधि।
 उत्सेकामर्षयोरिच्छाप्रसरे मह उत्सवः॥
 आ प्रगृह्यस्स्मृतौ वाक्येऽप्यास्तु स्यात्कोपपीडयोः।
 नाम प्राकाश्यसम्भाव्यक्रोधोपगमकुत्सने॥

 मन्यु (पुं)
 उत्सव (पुं)
 आस्तु (अव्य)
 नामन् (अव्य)
अर्थान्तरम्
 आ प्रगृह्यस्स्मृतौ वाक्येऽप्यास्तु स्यात्कोपपीडयोः।

 आस्तु (अव्य) - दुःखम् 3.3.241.1
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