पर्वतः. (6) - महीध्र (पुं), शिखरिन् (पुं), क्ष्माभृत् (पुं), अहार्य (पुं), धर (पुं), पर्वत (पुं)
पर्वतः. (7) - अद्रि (पुं), गोत्र (पुं), गिरि (पुं), ग्रावन् (पुं), अचल (पुं), शैल (पुं), शिलोच्चय (पुं)
लोकालोकपर्वतः. (2) - लोकालोक (पुं), चक्रवाल (पुं)
लङ्काधिष्ठानपर्वतः. (2) - त्रिकूट (पुं), त्रिककुद् (पुं)
लङ्काधिष्ठानपर्वतः. (2) - त्रिकूट (पुं), त्रिककुद् (पुं)
पश्चिमपर्वतः. (2) - अस्त (पुं), चरमक्ष्माभृत् (पुं)
उदयपर्वतः. (2) - उदय (पुं), पूर्वपर्वत (पुं)
उदयपर्वतः. (2) - उदय (पुं), पूर्वपर्वत (पुं)
हिमवान्. (1) - हिमवत् (पुं)
निषधपर्वतः. (1) - निषध (पुं)
विन्ध्यापर्वतः. (1) - विन्ध्य (पुं)
माल्यवान्. (1) - माल्यवत् (पुं)
परियात्रकपर्वतः. (1) - परियात्रक (पुं)
निषधपर्वतः. (1) - निषध (पुं)
विन्ध्यापर्वतः. (1) - विन्ध्य (पुं)
माल्यवान्. (1) - माल्यवत् (पुं)
परियात्रकपर्वतः. (1) - परियात्रक (पुं)
गन्धमादनपर्वतः. (1) - गन्धमादन (नपुं)
हेमकूटपर्वतः. (1) - हेमकूट (पुं)
हेमकूटपर्वतः. (1) - हेमकूट (पुं)
पाषाणः. (7) - पाषाण (पुं), प्रस्तर (पुं), ग्रावन् (पुं), उपल (पुं), अश्मन् (पुं), शिला (स्त्री), दृषद् (स्त्री)
पर्वताग्रः. (3) - कूट (पुं-नपुं), शिखर (नपुं), शृङ्ग (नपुं)
पर्वतात्पतनस्थानम्. (3) - प्रपात (पुं), अतट (पुं), भृगु (पुं)
पर्वतात्पतनस्थानम्. (3) - प्रपात (पुं), अतट (पुं), भृगु (पुं)
मेखलाख्यपर्वतमध्यभागः. (1) - कटक (पुं-नपुं)
पर्वतसमभूभागः. (3) - स्नु (पुं), प्रस्थ (पुं-नपुं), सानु (पुं-नपुं)
पर्वतसमभूभागः. (3) - स्नु (पुं), प्रस्थ (पुं-नपुं), सानु (पुं-नपुं)
जलस्रवणस्थानम्. (2) - उत्स (पुं), प्रस्रवण (नपुं)
निर्गतजलप्रवाहः. (3) - वारिप्रवाह (पुं), निर्झर (पुं), झर (पुं)
निर्गतजलप्रवाहः. (3) - वारिप्रवाह (पुं), निर्झर (पुं), झर (पुं)
कृत्रिमगृहाकारगिरिविवरम्. (2) - दरी (स्त्री), कन्दर (स्त्री-पुं)
गिरिबिलम्. (3) - देवखात (नपुं), बिल (नपुं), गुहा (स्त्री)
गिरिबिलम्. (3) - देवखात (नपुं), बिल (नपुं), गुहा (स्त्री)
गिरिबिलम्. (1) - गह्वर (नपुं)
पतितस्थूलपाषाणः. (1) - गण्डशैल (पुं)
पतितस्थूलपाषाणः. (1) - गण्डशैल (पुं)
पर्वतनिर्गतशिलाखण्डः. (1) - दन्तक (पुं)
रत्नाद्युत्पत्तिस्थानम्. (2) - खनि (स्त्री), आकर (पुं)
पर्वतसमीपस्थाल्पपर्वतः. (2) - पाद (पुं), प्रत्यन्तपर्वत (पुं)
पर्वतसमीपस्थाल्पपर्वतः. (2) - पाद (पुं), प्रत्यन्तपर्वत (पुं)
अद्रेरधस्थोर्ध्वासन्नभूमिः. (1) - उपत्यका (स्त्री)
मनःशिलादिधातुः. (1) - धातु (पुं)
धातुविशेषः. (1) - गैरिक (वि)
धातुविशेषः. (1) - गैरिक (वि)
लताच्छादितगर्भस्थानम्. (2) - निकुञ्ज (पुं-नपुं), कुञ्ज (पुं-नपुं)