अमरकोषसम्पद्

         

शैलवर्गः
पर्वतः. (6) - महीध्र (पुं), शिखरिन् (पुं), क्ष्माभृत् (पुं), अहार्य (पुं), धर (पुं), पर्वत (पुं)
महीध्रे शिखरिक्ष्माभृदहार्यधरपर्वताः
2.3.1.1
पर्वतः. (7) - अद्रि (पुं), गोत्र (पुं), गिरि (पुं), ग्रावन् (पुं), अचल (पुं), शैल (पुं), शिलोच्चय (पुं)
अद्रिगोत्रगिरिग्रावाचलशैलशिलोच्चयाः
2.3.1.2
लोकालोकपर्वतः. (2) - लोकालोक (पुं), चक्रवाल (पुं)
लङ्काधिष्ठानपर्वतः. (2) - त्रिकूट (पुं), त्रिककुद् (पुं)
लोकालोकश्चक्रवालस्त्रिकूटस्त्रिककुत्समौ
2.3.2.1
पश्चिमपर्वतः. (2) - अस्त (पुं), चरमक्ष्माभृत् (पुं)
उदयपर्वतः. (2) - उदय (पुं), पूर्वपर्वत (पुं)
अस्तस्तु चरमक्ष्माभृदुदयः पूर्वपर्वतः
2.3.2.2
हिमवान्. (1) - हिमवत् (पुं)
निषधपर्वतः. (1) - निषध (पुं)
विन्ध्यापर्वतः. (1) - विन्ध्य (पुं)
माल्यवान्. (1) - माल्यवत् (पुं)
परियात्रकपर्वतः. (1) - परियात्रक (पुं)
हिमवान्निषधो विन्ध्यो माल्यवान्पारियात्रिकः
2.3.3.1
गन्धमादनपर्वतः. (1) - गन्धमादन (नपुं)
हेमकूटपर्वतः. (1) - हेमकूट (पुं)
गन्धमादनमन्ये च हेमकूटादयो नगाः
2.3.3.2
पाषाणः. (7) - पाषाण (पुं), प्रस्तर (पुं), ग्रावन् (पुं), उपल (पुं), अश्मन् (पुं), शिला (स्त्री), दृषद् (स्त्री)
पाषाणप्रस्तरग्रावोपलाश्मानः शिला दृषत्
2.3.4.1
पर्वताग्रः. (3) - कूट (पुं-नपुं), शिखर (नपुं), शृङ्ग (नपुं)
पर्वतात्पतनस्थानम्. (3) - प्रपात (पुं), अतट (पुं), भृगु (पुं)
कूटोऽस्त्री शिखरं शृङ्गं प्रपातस्त्वतटो भृगुः
2.3.4.2
मेखलाख्यपर्वतमध्यभागः. (1) - कटक (पुं-नपुं)
पर्वतसमभूभागः. (3) - स्नु (पुं), प्रस्थ (पुं-नपुं), सानु (पुं-नपुं)
कटकोऽस्त्री नितम्बोऽद्रेः स्नुः प्रस्थः सानुरस्त्रियाम्
2.3.5.1
जलस्रवणस्थानम्. (2) - उत्स (पुं), प्रस्रवण (नपुं)
निर्गतजलप्रवाहः. (3) - वारिप्रवाह (पुं), निर्झर (पुं), झर (पुं)
उत्सः प्रस्रवणं वारिप्रवाहो निर्झरो झरः
2.3.5.2
कृत्रिमगृहाकारगिरिविवरम्. (2) - दरी (स्त्री), कन्दर (स्त्री-पुं)
गिरिबिलम्. (3) - देवखात (नपुं), बिल (नपुं), गुहा (स्त्री)
दरी तु कन्दरो वा स्त्री देवखातबिले गुहा
2.3.6.1
गिरिबिलम्. (1) - गह्वर (नपुं)
पतितस्थूलपाषाणः. (1) - गण्डशैल (पुं)
गह्वरं गण्डशैलास्तु च्युताः स्थूलोपला गिरेः
2.3.6.2
पर्वतनिर्गतशिलाखण्डः. (1) - दन्तक (पुं)
दन्तकास्तु बहिस्तिर्यक्प्रदेशान्निर्गता गिरेः
2.3.6.3
रत्नाद्युत्पत्तिस्थानम्. (2) - खनि (स्त्री), आकर (पुं)
पर्वतसमीपस्थाल्पपर्वतः. (2) - पाद (पुं), प्रत्यन्तपर्वत (पुं)
खनिः स्त्रियामाकरः स्यात्पादाः प्रत्यन्तपर्वताः
2.3.7.1
अद्रेरधस्थोर्ध्वासन्नभूमिः. (1) - उपत्यका (स्त्री)
उपत्यकाद्रेरासन्ना भूमिरूर्ध्वमधित्यका
2.3.7.2
मनःशिलादिधातुः. (1) - धातु (पुं)
धातुविशेषः. (1) - गैरिक (वि)
धातुर्मनःशिलाद्यद्रेर्गैरिकं तु विशेषतः
2.3.8.1
लताच्छादितगर्भस्थानम्. (2) - निकुञ्ज (पुं-नपुं), कुञ्ज (पुं-नपुं)
निकुञ्जकुञ्जौ वा क्लीबे लतादिपिहितोदरे
2.3.8.2

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