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Pandanus
जन्य (पुं) == युद्धम्
युद्धमायोधनं जन्यं प्रधनं प्रविदारणम्
क्षत्रियवर्गः 2.8.103.2.3
पर्यायपदानि
युद्धमायोधनं जन्यं प्रधनं प्रविदारणम्॥
मृधमास्कन्दनं संख्यं समीकं सांपरायिकम्।
अस्त्रियां समरानीकरणाः कलहविग्रहौ ॥
सम्प्रहाराभिसम्पात कलिसंस्फोट संयुगाः।
अभ्यामर्द समाघात संग्रामाभ्यागमाहवाः॥
समुदायः स्त्रियः संयत्समित्याजिसमिद्युधः।
युद्ध (नपुं)
आयोधन (नपुं)
जन्य (पुं)
प्रधन (नपुं)
प्रविदारण (नपुं)
मृध (नपुं)
आस्कन्दन (नपुं)
सङ्ख्य (नपुं)
समीक (नपुं)
साम्परायिक (नपुं)
समर (पुं)
अनीक (पुं)
रण (पुं)
कलह (पुं)
विग्रह (पुं)
सम्प्रहार (पुं)
अभिसम्पात (पुं)
कलि (पुं)
संस्फोट (पुं)
संयुग (पुं)
अभ्यामर्द (पुं)
समाघात (पुं)
सङ्ग्राम (पुं)
अभ्यागम (पुं)
आहव (पुं)
समुदाय (पुं)
संयत् (स्त्री)
समिति (स्त्री)
आजि (स्त्री)
समित् (स्त्री)
युध् (स्त्री)
अर्थान्तरम्
सबलैस्तैश्चतुर्भद्रं जन्याः स्निग्धा वरस्य ये।
जन्यं स्याज्जनवादेऽपि जघन्योऽन्त्येऽधमेऽपि च॥
जन्य (पुं) - वरपक्षीयः 2.7.58.1
जन्य (वि) - जनवादः 3.3.159.2
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