अमरकोषसम्पद्

         

नानार्थवर्गः 3.3.17

स्याद्दाम्भिकः कौक्कुटिको यश्चादूरेरितेक्षणः
स्यात्कल्लोलेऽप्युत्कलिका वार्धकं भाववृन्दयोः
करिण्यां चापि गणिका दारकौ बालभेदकौ
अन्धेऽप्यनेडमूकः स्याट्टङ्कौ दर्पाश्मदारणौ
मृद्भाण्डेऽप्युष्ट्रिका मन्थे खजको रसदर्वके
ललाटिकः प्रभोर्भालदर्शी कार्याक्षमश्च यः
भूभृन्नितम्बवलयचक्रेषु कटकोऽस्त्रियाम्
सूच्यग्रे क्षुद्रशत्रौ च रोमहर्षे च कण्टकः
पाकौ पक्तिशिशू मध्यरत्ने नेतरि नायकः
पर्यङ्कः स्यात्परिकरे स्याद्व्याघ्रेऽपि च लुब्धकः
पेटकस्त्रिषु वृन्देऽपि गुरौ देश्ये च देशिकः
खेटकौ ग्रामफलकौ धीवरेऽपिच जालिकः
पुष्परेणौ च किञ्जल्कः शुल्कोऽस्त्री स्त्रीधनेऽपि च

कौक्कुटिक (वि) = दाम्भिकः. 3.3.17.1.1

कौक्कुटिक (वि) = अदूरेरितेक्षणम्. 3.3.17.1.1

ललाटिक (वि) = कार्याक्षमः. 3.3.17.2.1

ललाटिक (वि) = प्रभोर्भावदर्शिः. 3.3.17.2.1

कटक (पुं-नपुं) = चक्रम्. 3.3.17.3.1

कटक (पुं-नपुं) = मेखलाख्यपर्वतमध्यभागः. 3.3.17.3.1

कण्टक (पुं) = क्षुद्रशत्रुः. 3.3.17.4.1

कण्टक (पुं) = सूच्यग्रम्. 3.3.17.4.1

कण्टक (पुं) = रोमाञ्चः. 3.3.17.4.1

नायक (वि) = मध्यरत्नम्. 3.3.17.5.1

लुब्धक (पुं) = व्याघ्रः. 3.3.17.6.1

पेटक (वि) = समूहः. 3.3.17.7.1

देशिक (पुं) = संस्कारादिकर्तुर्गुरुः. 3.3.17.7.2

देशिक (पुं) = देश्यः. 3.3.17.7.2

खेटक (नपुं) = ग्रामः. 3.3.17.8.1

खेटक (नपुं) = फलकः. 3.3.17.8.1

जालिक (पुं) = धीवरः. 3.3.17.8.2

किञ्जल्क (पुं) = पुष्परेणुः. 3.3.17.9.1

शुल्क (पुं-नपुं) = स्त्रीधनम्. 3.3.17.9.2

उत्कलिका (स्त्री) = महातरङ्गः. 3.3.17.10.1

वार्धक (नपुं) = भावम्. 3.3.17.10.2

वार्धक (नपुं) = समूहः. 3.3.17.10.2

गणिका (स्त्री) = हस्तिनी. 3.3.17.11.1

दारक (नपुं) = बालः. 3.3.17.11.2

दारक (नपुं) = भेदकः. 3.3.17.11.2

एडमूक (वि) = अचक्षुष्कः. 3.3.17.12.1

टङ्क (पुं-नपुं) = अश्मदारणम्. 3.3.17.12.2

टङ्क (पुं-नपुं) = मदः. 3.3.17.12.2

मन्थ (पुं) = मृद्भाण्डम्. 3.3.17.13.1

मन्थ (पुं) = उष्ट्रिका. 3.3.17.13.1

खजक (पुं) = रसदर्वकम्. 3.3.17.13.2

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