पातालम्. (4) - अधोभुवन (नपुं), पाताल (नपुं), बलिसद्मन् (नपुं), रसातल (नपुं)
पातालम्. (1) - नागलोक (पुं)
बिलम्. (4) - कुहर (नपुं), सुषिर (नपुं), विवर (नपुं), बिल (नपुं)
बिलम्. (4) - कुहर (नपुं), सुषिर (नपुं), विवर (नपुं), बिल (नपुं)
बिलम्. (7) - छिद्र (नपुं), निर्व्यथन (नपुं), रोक (नपुं), रन्ध्र (नपुं), श्वभ्र (नपुं), वपा (स्त्री), शुषि (स्त्री)
भूमौ वर्तमानं रन्ध्रम्. (2) - गर्त (स्त्री-पुं), अवट (पुं)
भूरन्ध्रम्. (1) - सुषिर (वि)
भूरन्ध्रम्. (1) - सुषिर (वि)
अन्धकारः. (5) - अन्धकार (पुं-नपुं), ध्वान्त (नपुं), तमिस्र (नपुं), तिमिर (नपुं), तमस् (नपुं)
घनान्धकारः. (1) - अन्धतमस (नपुं)
क्षीणतमस्. (1) - अवतमस (नपुं)
क्षीणतमस्. (1) - अवतमस (नपुं)
व्यापकतमस्. (1) - सन्तमस (नपुं)
नागाः. (2) - नाग (पुं), काद्रवेय (पुं)
नागाः. (2) - नाग (पुं), काद्रवेय (पुं)
नागानाम् स्वामिः. (2) - शेष (पुं), अनन्त (पुं)
नागराजः. (2) - वासुकि (पुं), सर्पराज (पुं)
सर्पविशेषः. (1) - गोनस (पुं)
नागराजः. (2) - वासुकि (पुं), सर्पराज (पुं)
सर्पविशेषः. (1) - गोनस (पुं)
सर्पविशेषः. (1) - तिलित्स (पुं)
अजगरसर्पविशेषः. (3) - अजगर (पुं), शयु (पुं), वाहस (पुं)
अजगरसर्पविशेषः. (3) - अजगर (पुं), शयु (पुं), वाहस (पुं)
जलव्यालसर्पविशेषः. (2) - अलगर्द (पुं), जलव्याल (पुं)
निर्विषः द्विमुखसर्पः. (2) - राजिल (पुं), डुण्डुभ (पुं)
निर्विषः द्विमुखसर्पः. (2) - राजिल (पुं), डुण्डुभ (पुं)
चित्रसर्पः. (2) - मालुधान (पुं), मातुलाहि (पुं)
मुक्तत्वचः सर्पः. (2) - निर्मुक्त (पुं), मुक्तकञ्चुक (पुं)
मुक्तत्वचः सर्पः. (2) - निर्मुक्त (पुं), मुक्तकञ्चुक (पुं)
सर्पः. (6) - सर्प (पुं), पृदाकु (पुं), भुजग (पुं), भुजङ्ग (पुं), अहि (पुं), भुजङ्गम (पुं)
सर्पः. (5) - आशीविष (पुं), विषधर (पुं), चक्रिन् (पुं), व्याल (पुं), सरीसृप (पुं)
सर्पः. (5) - कुण्डलिन् (पुं), गूढपाद् (पुं), चक्षुःश्रवस् (पुं), काकोदर (पुं), फणिन् (पुं)
सर्पः. (4) - दर्वीकर (पुं), दीर्घपृष्ठ (पुं), दन्दशूक (पुं), बिलेशय (पुं)
सर्पः. (5) - उरग (पुं), पन्नग (पुं), भोगी (पुं), जिह्मग (पुं), पवनाशन (पुं)
सर्पः. (4) - लेलिहान (पुं), द्विरसन (पुं), गोकर्ण (पुं), कञ्चुकिन् (पुं)
सर्पः. (4) - कुम्भीनस (पुं), फणधर (पुं), हरि (पुं), भोगधर (पुं)
सर्पशरीरम्. (1) - भोग (पुं)
विषपूर्णाहिदंष्ट्रा. (1) - आशिस् (स्त्री)
विषपूर्णाहिदंष्ट्रा. (1) - आशिस् (स्त्री)
सर्पविष-अस्थ्यादिः. (1) - आहेय (वि)
फणः. (2) - स्फटा (स्त्री-पुं), फणा (स्त्री-पुं)
फणः. (2) - स्फटा (स्त्री-पुं), फणा (स्त्री-पुं)
सर्पत्वक्. (2) - कञ्चुक (पुं), निर्मोक (पुं)
विषम्. (3) - क्ष्वेड (पुं), गरल (नपुं), विष (पुं-नपुं)
विषम्. (3) - क्ष्वेड (पुं), गरल (नपुं), विष (पुं-नपुं)
स्थावरविषभेदाः. (3) - काकोल (पुं-नपुं), कालकूट (पुं-नपुं), हलाहल (पुं-नपुं)
स्थावरविषभेदाः. (4) - सौराष्ट्रिक (पुं), शौक्लिकेय (पुं), ब्रह्मपुत्र (पुं), प्रदीपन (पुं)
स्थावरविषभेदाः. (2) - दारद (पुं), वत्सनाभ (पुं)
विषहारिवैद्यः. (2) - विषवैद्य (पुं), जाङ्गुलिक (पुं)
सर्पग्राहिः. (2) - व्यालग्राहिन् (पुं), अहितुण्डिक (पुं)
सर्पग्राहिः. (2) - व्यालग्राहिन् (पुं), अहितुण्डिक (पुं)