सरस्वती. (10) - ब्राह्मी (स्त्री), +[गौ (स्त्री)], भारती (स्त्री), भाषा (स्त्री), गिर् (स्त्री), +[गिरा (स्त्री)], वाच् (स्त्री), वाणी (स्त्री), +[वाणि (स्त्री)], सरस्वती (स्त्री)
वचनम्. (6) - व्याहार (पुं), उक्ति (स्त्री), लपित (नपुं), भाषित (नपुं), वचन (नपुं), वचस् (नपुं)
अपशब्दः. (2) - अपभ्रंश (पुं), अपशब्द (पुं)
व्याकरणादिशास्त्रवाचकः. (1) - शब्द (पुं)
व्याकरणादिशास्त्रवाचकः. (1) - शब्द (पुं)
तिङ्सुबन्तचयः कारकान्विता क्रिया. (1) - वाक्य (नपुं)
वेदः. (4) - श्रुति (स्त्री), वेद (पुं), आम्नाय (पुं), त्रयी (स्त्री)
वेदविहितकर्माः. (2) - धर्म (पुं), +[त्रयीधर्म (पुं)]
वेदविहितकर्माः. (2) - धर्म (पुं), +[त्रयीधर्म (पुं)]
ऋग्वेदः. (1) - ऋच् (स्त्री)
सामवेदः. (1) - सामन् (नपुं)
यजुर्वेदः. (1) - यजुस् (नपुं)
ऋग्यजुस्साम-वेदाः. (1) - त्रयी (स्त्री)
सामवेदः. (1) - सामन् (नपुं)
यजुर्वेदः. (1) - यजुस् (नपुं)
ऋग्यजुस्साम-वेदाः. (1) - त्रयी (स्त्री)
वेदाङ्गम्. (1) - शिक्षा (स्त्री)
ओंकारः. (2) - ओङ्कार (पुं), प्रणव (पुं)
ओंकारः. (2) - ओङ्कार (पुं), प्रणव (पुं)
पूर्वचरितप्रतिपादकग्रन्थः. (2) - इतिहास (पुं), पुरावृत्त (नपुं)
उदात्तस्वरः. (1) - उदात्त (पुं)
उदात्तस्वरः. (1) - उदात्त (पुं)
तर्कशास्त्रम्. (2) - आन्वीक्षिकी (स्त्री), तर्कविद्या (स्त्री)
अर्थशास्त्रम्. (1) - दण्डनीति (स्त्री)
अर्थशास्त्रम्. (1) - दण्डनीति (स्त्री)
सत्यार्थविषयिणी कथा. (1) - आख्यायिका (स्त्री)
वाक्यविस्तरकल्पना. (2) - प्रबन्धकल्पना (स्त्री), कथा (स्त्री)
दुर्विज्ञानार्थः प्रश्नः. (6) - प्रवह्लिका (स्त्री), +[प्रवल्हिका (स्त्री)], +[प्रवल्ही (स्त्री)], +[प्रश्नदूती (स्त्री)], +[विपादिका (स्त्री)], प्रहेलिका (स्त्री)
दुर्विज्ञानार्थः प्रश्नः. (6) - प्रवह्लिका (स्त्री), +[प्रवल्हिका (स्त्री)], +[प्रवल्ही (स्त्री)], +[प्रश्नदूती (स्त्री)], +[विपादिका (स्त्री)], प्रहेलिका (स्त्री)
धर्मशास्त्रम्. (2) - स्मृति (स्त्री), धर्मसंहिता (स्त्री)
सङ्ग्रहः. (2) - समाहृति (स्त्री), सङ्ग्रह (पुं)
सङ्ग्रहः. (2) - समाहृति (स्त्री), सङ्ग्रह (पुं)
समस्या. (2) - समस्या (स्त्री), समासार्था (स्त्री)
लोकप्रवादः. (2) - किंवदन्ती (स्त्री), जनश्रुति (स्त्री)
लोकप्रवादः. (2) - किंवदन्ती (स्त्री), जनश्रुति (स्त्री)
वार्ता. (4) - वार्ता (स्त्री), प्रवृत्ति (स्त्री), वृत्तान्त (पुं), उदन्त (पुं)
नाम. (1) - आह्वय (पुं)
नाम. (1) - आह्वय (पुं)
नाम. (6) - आख्या (स्त्री), आह्वा (स्त्री), अभिधान (नपुं), नामधेय (नपुं), नामन् (नपुं), +[संज्ञा (स्त्री)]
आह्वानम्. (3) - हूति (स्त्री), आकारणा (स्त्री), आह्वान (नपुं)
हुकर्तृकाह्वानम्. (1) - संहूति (स्त्री)
हुकर्तृकाह्वानम्. (1) - संहूति (स्त्री)
ऋणादिन्यायः. (2) - विवाद (पुं), व्यवहार (पुं)
वचनोपक्रमः. (2) - उपन्यास (पुं), वाङ्मुख (नपुं)
वचनोपक्रमः. (2) - उपन्यास (पुं), वाङ्मुख (नपुं)
वक्ष्यमाणौपयोग्यर्थवर्णनम्. (2) - उपोद्धात (पुं), उदाहार (पुं)
शपथः. (2) - शपन (नपुं), शपथ (पुं)
शपथः. (2) - शपन (नपुं), शपथ (पुं)
प्रश्नः. (3) - प्रश्न (पुं), अनुयोग (पुं), पृच्छा (स्त्री)
उत्तरम्. (2) - प्रतिवाक्य (नपुं), उत्तर (नपुं)
उत्तरम्. (2) - प्रतिवाक्य (नपुं), उत्तर (नपुं)
मिथ्याविवादः. (2) - मिथ्याभियोग (पुं), अभ्याख्यान (नपुं)
सुरपानादि मिथ्या पापोद्भवनम्. (1) - मिथ्याभिशंसन (नपुं)
सुरपानादि मिथ्या पापोद्भवनम्. (1) - मिथ्याभिशंसन (नपुं)
सुरपानादि मिथ्या पापोद्भवनम्. (2) - अभिशाप (पुं), +[शाप (पुं)]
प्रीतिविशेषजनितमुखकण्ठादिशब्दः. (1) - प्रणाद (पुं)
प्रीतिविशेषजनितमुखकण्ठादिशब्दः. (1) - प्रणाद (पुं)
कीर्तिः. (5) - यशस् (नपुं), कीर्ति (स्त्री), समज्ञा (स्त्री), +[समाज्ञा (स्त्री)], +[समज्या (स्त्री)]
स्तुतिः. (5) - स्तव (पुं), स्तोत्र (नपुं), स्तुति (स्त्री), नुति (स्त्री), +[प्रशंसा (स्त्री)]
स्तुतिः. (5) - स्तव (पुं), स्तोत्र (नपुं), स्तुति (स्त्री), नुति (स्त्री), +[प्रशंसा (स्त्री)]
द्विरुक्तिः. (1) - आम्रेडित (नपुं)
उच्चैः शब्दनम्. (2) - उच्चैर्घुष्ट (नपुं), घोषणा (स्त्री)
उच्चैः शब्दनम्. (2) - उच्चैर्घुष्ट (नपुं), घोषणा (स्त्री)
शोकादिना विकृतध्वनिः. (1) - काकु (स्त्री)
जुगुप्सा. (7) - अवर्ण (पुं), आक्षेप (पुं), निर्वाद (पुं), परीवाद (पुं), +[परिवाद (पुं)], अपवाद (पुं), +[अववाद (पुं)]
जुगुप्सा. (5) - उपक्रोश (पुं), जुगुप्सा (स्त्री), कुत्सा (स्त्री), निन्दा (स्त्री), गर्हण (नपुं)
अप्रियवचः. (2) - पारुष्य (नपुं), अतिवाद (पुं)
भयदर्शकवाक्यम्. (2) - भर्त्सन (नपुं), अपकारगिर् (स्त्री)
भयदर्शकवाक्यम्. (2) - भर्त्सन (नपुं), अपकारगिर् (स्त्री)
सनिन्दाभाषणम्. (1) - परिभाषण (नपुं)
परस्त्रीनिमित्तं पुंसः परपुरुषनिमित्तं स्त्रियाश्च आक्रोशनम्. (1) - आक्षारण (स्त्री-नपुं)
सम्भाषणम्. (2) - आभाषण (नपुं), आलाप (पुं)
प्रयोजनशून्योन्मत्तादिवचनम्. (1) - प्रलाप (पुं)
प्रयोजनशून्योन्मत्तादिवचनम्. (1) - प्रलाप (पुं)
बहुभाषणम्. (2) - अनुलाप (पुं), मुहुर्भाषा (स्त्री)
अनुशोचनोक्तिः. (3) - विलाप (पुं), +[विलपन (नपुं)], परिदेवन (नपुं-स्त्री)
अनुशोचनोक्तिः. (3) - विलाप (पुं), +[विलपन (नपुं)], परिदेवन (नपुं-स्त्री)
अन्योन्यविरुद्धवचनम्. (2) - विप्रलाप (पुं), विरोधोक्ति (स्त्री)
परस्परभाषणम्. (1) - संलाप (पुं)
परस्परभाषणम्. (1) - संलाप (पुं)
शोभनवचनम्. (2) - सुप्रलाप (पुं), सुवचन (नपुं)
गोपनकारिवचनम्. (2) - अपलाप (पुं), निह्नव (पुं)
गोपनकारिवचनम्. (2) - अपलाप (पुं), निह्नव (पुं)
अद्भुतप्रश्नः. (3) - चोद्य (नपुं), आक्षेप (पुं), अभियोग (पुं)
शापवचनम्. (3) - शाप (पुं), आक्रोश (पुं), दुरेषणा (स्त्री)
शापवचनम्. (3) - शाप (पुं), आक्रोश (पुं), दुरेषणा (स्त्री)
प्रेम्णा मिथ्याभाषणम्. (3) - चाटु (पुं), चटु (पुं), श्लाघा (स्त्री)
सन्देशवचनम्. (2) - सन्देशवाच् (स्त्री), वाचिक (नपुं)
अकल्याणवचनम्. (3) - रुशती (स्त्री), +[रुषती (स्त्री)], +[उषती (स्त्री)]
शुभवचनम्. (2) - कल्या (स्त्री), +[काल्या (स्त्री)]
शुभवचनम्. (2) - कल्या (स्त्री), +[काल्या (स्त्री)]
सान्त्वनवचनम्. (1) - अत्यर्थमधुर (पुं)
युक्त्यामिलितवचनम्. (2) - सङ्गत (नपुं), हृदयङ्गम (नपुं)
युक्त्यामिलितवचनम्. (2) - सङ्गत (नपुं), हृदयङ्गम (नपुं)
कर्कशवचनम्. (2) - निष्ठुर (नपुं), परुष (नपुं)
अश्लीलवचनम्. (2) - ग्राम्य (नपुं), अश्लील (नपुं)
प्रियसत्यवचनम्. (1) - सूनृत (नपुं)
अश्लीलवचनम्. (2) - ग्राम्य (नपुं), अश्लील (नपुं)
प्रियसत्यवचनम्. (1) - सूनृत (नपुं)
विरुद्धार्थवचनम्. (3) - सङ्कुल (नपुं), क्लिष्ट (नपुं), परस्परपराहत (नपुं)
अशक्त्यादिना सम्पूर्णोच्चारितम्. (2) - लुप्तवर्णपद (नपुं), ग्रस्त (नपुं)
शीघ्रोच्चारितवचः. (2) - निरस्त (नपुं), त्वरितोदित (नपुं)
शीघ्रोच्चारितवचः. (2) - निरस्त (नपुं), त्वरितोदित (नपुं)
श्लेष्मनिर्गमसहितवचनम्. (1) - सनिष्ठीव (नपुं)
अन्योन्यविरुद्धवचनम्. (3) - अबद्ध (नपुं), +[अवध्य (नपुं)], अनर्थक (नपुं)
अन्योन्यविरुद्धवचनम्. (3) - अबद्ध (नपुं), +[अवध्य (नपुं)], अनर्थक (नपुं)
निन्दावचनम्. (2) - अनक्षर (नपुं), अवाच्य (नपुं)
मिथ्यावचनम्. (1) - आहत (नपुं)
मिथ्यावचनम्. (1) - आहत (नपुं)
सोपहासम्. (2) - सोल्लुण्ठन (नपुं), सोत्प्रास (पुं)
रतिसमयकूजितम्. (2) - मणित (नपुं), +[भणित (नपुं)]
रतिसमयकूजितम्. (2) - मणित (नपुं), +[भणित (नपुं)]
स्पष्टवचनम्. (5) - श्राव्य (नपुं), हृद्य (वि), मनोहारिन् (वि), विस्पष्ट (वि), प्रकटोदित (वि)
अप्रकटवचनम्. (2) - म्लिष्ट (वि), अविस्पष्ट (वि)
असत्यवचनम्. (2) - वितथ (नपुं), अनृत (नपुं)
असत्यवचनम्. (2) - वितथ (नपुं), अनृत (नपुं)
सत्यवचनम्. (4) - सत्य (वि), तथ्य (वि), ऋत (वि), सम्यञ्च् (वि)
शब्दः. (7) - शब्द (पुं), निनाद (पुं), निनद (पुं), ध्वनि (पुं), ध्वान (पुं), रव (पुं), स्वन (पुं)
शब्दः. (6) - स्वान (पुं), निर्घोष (पुं), निर्ह्राद (पुं), नाद (पुं), निस्वान (पुं), निस्वन (पुं)
शब्दः. (4) - आरव (पुं), आराव (पुं), संराव (पुं), विराव (पुं)
वस्त्रपर्णध्वनिः. (1) - मर्मर (पुं)
वस्त्रपर्णध्वनिः. (1) - मर्मर (पुं)
भूषणध्वनिः. (2) - शिञ्जित (नपुं), +[शिञ्जा (स्त्री)]
भूषणध्वनिः. (5) - निक्वाण (पुं), निक्वण (पुं), क्वाण (पुं), क्वण (पुं), क्वणन (नपुं)
वीणादिध्वनिः. (3) - प्रादि (पुं), प्रक्वाण (पुं), प्रक्वण (पुं)
बहुभिः कृतः महाध्वनिः. (2) - कोलाहल (पुं), कलकल (पुं)
पक्षिशब्दः. (2) - वाशित (नपुं), +[वासित (नपुं)]
पक्षिशब्दः. (2) - वाशित (नपुं), +[वासित (नपुं)]
प्रतिध्वनिः. (3) - प्रतिश्रुत् (स्त्री), प्रतिध्वान (पुं), +[प्रतिध्वनि (पुं)]
गानम्. (2) - गीत (नपुं), गान (नपुं)
गानम्. (2) - गीत (नपुं), गान (नपुं)