वंशः. (6) - सन्तति (स्त्री), गोत्र (नपुं), जनन (नपुं), कुल (नपुं), अभिजन (पुं), अन्वय (पुं)
वंशः. (3) - वंश (पुं), अन्ववाय (पुं), सन्तान (पुं)
ब्राह्मणादिवर्णचतुष्टयवाचकः. (1) - वर्ण (पुं)
ब्राह्मणादिवर्णचतुष्टयवाचकः. (1) - वर्ण (पुं)
विप्रक्षत्रियविट्शूद्राणां सामान्यनाम. (1) - चातुर्वर्ण्य (नपुं)
राजवंशोत्पन्नः. (2) - राजबीजिन् (पुं), राजवंश्य (पुं)
कुलोत्पन्नः. (2) - बीज्य (पुं), कुलसम्भव (पुं)
कुलोत्पन्नः. (2) - बीज्य (पुं), कुलसम्भव (पुं)
कुलीनः. (6) - महाकुल (पुं), कुलीन (वि), आर्य (पुं), सभ्य (पुं), सज्जन (पुं), साधु (वि)
ब्रह्मचर्याश्रमी. (1) - ब्रह्मचारिन् (पुं)
गृहस्थाश्रमी. (1) - गृहिन् (पुं)
वानप्रस्थाश्रमी. (1) - वानप्रस्थ (पुं)
संन्यासाश्रमी. (1) - भिक्षु (पुं)
गृहस्थाश्रमी. (1) - गृहिन् (पुं)
वानप्रस्थाश्रमी. (1) - वानप्रस्थ (पुं)
संन्यासाश्रमी. (1) - भिक्षु (पुं)
ब्रह्मचर्यादिचतुष्टयस्य नाम. (1) - आश्रम (पुं-नपुं)
ब्राह्मणः. (4) - द्विजाति (पुं), अग्रजन्मन् (पुं), भूदेव (पुं), वाडव (पुं)
ब्राह्मणः. (4) - द्विजाति (पुं), अग्रजन्मन् (पुं), भूदेव (पुं), वाडव (पुं)
ब्राह्मणः. (2) - विप्र (पुं), ब्राह्मण (पुं)
यागादिषट्कर्मयुक्तविप्रः. (1) - षट्कर्मन् (पुं)
यागादिषट्कर्मयुक्तविप्रः. (1) - षट्कर्मन् (पुं)
विद्वान्. (7) - विद्वस् (पुं), विपश्चित् (पुं), दोषज्ञ (पुं), सत् (पुं), सुधी (पुं), कोविद (पुं), बुध (पुं)
विद्वान्. (7) - धीर (पुं), मनीषिन् (पुं), ज्ञ (पुं), प्राज्ञ (पुं), सङ्ख्यावत् (पुं), पण्डित (पुं), कवि (पुं)
विद्वान्. (6) - धीमत् (पुं), सूरिन् (पुं), कृतिन् (पुं), कृष्टि (पुं), लब्धवर्ण (पुं), विचक्षण (पुं)
विद्वान्. (2) - दूरदर्शिन् (पुं), दीर्घदर्शिन् (पुं)
सम्पूर्णशाखाध्यायिः. (2) - श्रोत्रिय (पुं), छान्दस (पुं)
सम्पूर्णशाखाध्यायिः. (2) - श्रोत्रिय (पुं), छान्दस (पुं)
मीमांसाशास्त्रवेत्ता. (2) - मीमांसक (वि), जैमिनीय (पुं)
वेदान्तशास्त्रज्ञः. (2) - वेदान्तिन् (पुं), ब्रह्मवादिन् (पुं)
वेदान्तशास्त्रज्ञः. (2) - वेदान्तिन् (पुं), ब्रह्मवादिन् (पुं)
सप्तपदार्थवादिनः. (2) - वैशेषिक (पुं), औलूक्य (पुं)
शून्यमतावलम्बी नास्तिकः. (2) - सौगत (पुं), शून्यवादिन् (पुं)
शून्यमतावलम्बी नास्तिकः. (2) - सौगत (पुं), शून्यवादिन् (पुं)
न्यायशास्त्रज्ञः. (2) - नैयायिक (पुं), अक्षपाद (पुं)
स्याद्वादिः. (2) - स्याद्वादिन् (पुं), आर्हक (पुं)
स्याद्वादिः. (2) - स्याद्वादिन् (पुं), आर्हक (पुं)
देहात्मवादिनश्चार्वाकः. (2) - चार्वाक (पुं), लौकायतिक (पुं)
साङ्ख्यशास्त्रज्ञः. (2) - साङ्ख्य (पुं), कापिल (पुं)
साङ्ख्यशास्त्रज्ञः. (2) - साङ्ख्य (पुं), कापिल (पुं)
अध्यापकः. (2) - उपाध्याय (पुं), अध्यापक (पुं)
संस्कारादिकर्तुर्गुरुः. (1) - गुरु (पुं)
संस्कारादिकर्तुर्गुरुः. (1) - गुरु (पुं)
मन्त्रव्याख्याकर्ता. (2) - मन्त्रव्याख्याकृत् (पुं), आचार्य (पुं)
यागे यजमानः. (1) - व्रतिन् (पुं)
यागे यजमानः. (1) - व्रतिन् (पुं)
यागे यजमानः. (2) - यष्टृ (पुं), यजमान (पुं)
सोमयाजिः. (1) - दीक्षित (पुं)
सोमयाजिः. (1) - दीक्षित (पुं)
यजनशीलः. (2) - इज्याशील (पुं), यायजूक (पुं)
विधिवद् होता. (1) - यज्वन् (पुं)
विधिवद् होता. (1) - यज्वन् (पुं)
बृहस्पतियागकर्ता. (1) - स्थपति (पुं)
सोमयाजिः. (2) - सोमपीथिन् (पुं), सोमप (पुं)
सोमयाजिः. (2) - सोमपीथिन् (पुं), सोमप (पुं)
विश्वजिदादियज्ञकर्ता. (1) - सर्ववेदस् (पुं)
साङ्गवेदाध्येता. (1) - अनूचान (पुं)
गुरुकुलवासान्निवृत्तः. (1) - समावृत्त (पुं)
अवभृतस्नातकः. (1) - सुत्वन् (पुं)
अवभृतस्नातकः. (1) - सुत्वन् (पुं)
शिष्यः. (3) - छात्र (पुं), अन्तेवासिन् (पुं), शिष्य (पुं)
प्रथमारब्धवेदाः. (2) - शैक्ष (पुं), प्राथमकल्पिक (पुं)
प्रथमारब्धवेदाः. (2) - शैक्ष (पुं), प्राथमकल्पिक (पुं)
समशाखाध्येता. (1) - सब्रह्मचारिन् (पुं)
सहाध्यायी. (2) - सतीर्थ्य (पुं), एकगुरु (पुं)
अग्न्युपासकः. (1) - अग्निचित् (पुं)
अग्न्युपासकः. (1) - अग्निचित् (पुं)
परम्परोपदेशः. (2) - ऐतिह्य (नपुं), इतिह (अव्य)
आद्यज्ञानम्. (1) - उपज्ञा (स्त्री)
ज्ञात्वा प्रथमारम्भः. (1) - उपक्रम (पुं)
ज्ञात्वा प्रथमारम्भः. (1) - उपक्रम (पुं)
यज्ञः. (7) - यज्ञ (पुं), सव (पुं), अध्वर (पुं), याग (पुं), सप्ततन्तु (पुं), मख (पुं), क्रतु (पुं)
ब्रह्मयज्ञः. (1) - पाठ (पुं)
देवयज्ञः. (1) - होम (पुं)
मनुष्ययज्ञः. (1) - अतिथीनां सपर्या (स्त्री)
पितृयज्ञः. (1) - तर्पण (नपुं)
भूतयज्ञः. (1) - बलि (पुं)
देवयज्ञः. (1) - होम (पुं)
मनुष्ययज्ञः. (1) - अतिथीनां सपर्या (स्त्री)
पितृयज्ञः. (1) - तर्पण (नपुं)
भूतयज्ञः. (1) - बलि (पुं)
पाठादयः. (1) - पञ्चमहायज्ञ (पुं)
सभा. (6) - समज्या (स्त्री), परिषद् (स्त्री), गोष्ठी (स्त्री), सभा (स्त्री), समिति (स्त्री), संसद् (स्त्री)
सभा. (3) - आस्थानी (स्त्री), आस्थान (नपुं), सदस् (स्त्री-नपुं)
हविर्गेहपूर्वभागे निर्मितप्रकोष्टः. (1) - प्राग्वंश (पुं)
विधिदर्शिनः. (1) - सदस्य (पुं)
विधिदर्शिनः. (1) - सदस्य (पुं)
सामाजिकाः. (4) - सभासद् (पुं), सभास्तार (पुं), सभ्य (पुं), सामाजिक (पुं)
यजुर्वेदकर्मकर्ता. (1) - अध्वर्यु (पुं)
सामवेदकर्मकर्ता. (1) - उद्गातृ (पुं)
ऋग्वेदकर्मकर्ता. (1) - होतृ (पुं)
सामवेदकर्मकर्ता. (1) - उद्गातृ (पुं)
ऋग्वेदकर्मकर्ता. (1) - होतृ (पुं)
ऋत्विक्. (2) - ऋत्विज् (पुं), याजक (पुं)
यज्ञवेदिः. (1) - वेदि (पुं)
यागार्थं संस्कृतभूमिः. (2) - स्थण्डिल (नपुं), चत्वर (नपुं)
यागार्थं संस्कृतभूमिः. (2) - स्थण्डिल (नपुं), चत्वर (नपुं)
यूपकटकः. (2) - चषाल (पुं), यूपकटक (पुं)
यज्ञशालापरितनिबिडवेष्टनम्. (1) - कुम्बा (स्त्री)
यज्ञशालापरितनिबिडवेष्टनम्. (1) - कुम्बा (स्त्री)
यूपाग्रम्. (2) - यूपाग्र (नपुं), तर्मन् (नपुं)
अरणिः. (1) - अरणि (स्त्री-पुं)
अरणिः. (1) - अरणि (स्त्री-पुं)
यागवेदिकायाम् दक्षिणभागे स्थिताग्निः. (1) - दक्षिणाग्नि (पुं)
गार्हपत्याग्निः. (1) - गार्हपत्य (पुं)
आहवनीयाग्निः. (1) - आहवनीय (पुं)
गार्हपत्याग्निः. (1) - गार्हपत्य (पुं)
आहवनीयाग्निः. (1) - आहवनीय (पुं)
दक्षिणगार्हपत्याहवनीयाग्नयः. (1) - त्रेता (स्त्री)
संस्कृताग्निः. (1) - प्रणीत (पुं)
संस्कृताग्निः. (1) - प्रणीत (पुं)
अग्निनाम. (3) - समूह्य (पुं), परिचाय्य (पुं), उपचाय्य (पुं)
दक्षिणाग्नित्वेन संस्कृत गार्हपत्याग्निः. (1) - आनाय्य (पुं)
अग्नेः प्रिया. (3) - आग्नायी (स्त्री), स्वाहा (स्त्री), हुतभुक्प्रिया (स्त्री)
अग्नेः प्रिया. (3) - आग्नायी (स्त्री), स्वाहा (स्त्री), हुतभुक्प्रिया (स्त्री)
अग्निसमिन्धने प्रयुक्ता ऋक्. (2) - सामिधेनी (स्त्री), धाय्या (स्त्री)
गायत्रीच्छन्दः. (1) - गायत्री (स्त्री)
हव्यपाकः. (1) - चरु (पुं)
हव्यपाकः. (1) - चरु (पुं)
पक्वक्षीरे दधियोजना. (1) - आमिक्षा (स्त्री)
अग्निसंरक्षणाय रचितमृगत्वचव्यजनम्. (1) - धवित्र (नपुं)
दधिमिशृतघृतम्. (1) - पृषदाज्य (नपुं)
क्षीरान्नम्. (2) - परमान्न (नपुं), पायस (पुं-नपुं)
क्षीरान्नम्. (2) - परमान्न (नपुं), पायस (पुं-नपुं)
देवान्नम्. (1) - हव्य (नपुं)
पित्रन्नम्. (1) - कव्य (नपुं)
स्रुवादियज्ञपात्राणि. (1) - पात्र (नपुं)
पित्रन्नम्. (1) - कव्य (नपुं)
स्रुवादियज्ञपात्राणि. (1) - पात्र (नपुं)
यज्ञपात्रम्. (5) - ध्रुवा (स्त्री), उपभृत् (स्त्री), जहू (स्त्री), स्रुव (पुं), स्रुच् (स्त्री)
क्रतावभिमन्त्रितपशुः. (1) - उपाकृत (पुं)
यज्ञार्थं पशुहननम्. (3) - परम्पराक (नपुं), शमन (पुं), प्रोक्षण (नपुं)
यज्ञहतपशुः. (3) - प्रमीत (वि), उपसम्पन्न (वि), प्रोक्षित (वि)
हविः. (2) - सांनाय्य (नपुं), हविस् (नपुं)
अग्नावर्पितम्. (2) - हुत (वि), वषट्कृत (वि)
अग्नावर्पितम्. (2) - हुत (वि), वषट्कृत (वि)
अवभृतस्नानम्. (1) - अवभृथ (पुं)
क्रतुद्रव्यादिः. (1) - यज्ञिय (वि)
क्रतुद्रव्यादिः. (1) - यज्ञिय (वि)
यज्ञकर्मः. (1) - इष्ट (नपुं)
पूर्तकर्मः. (1) - पूर्त (नपुं)
पूर्तकर्मः. (1) - पूर्त (नपुं)
यज्ञशेषः. (1) - अमृत (नपुं)
भोजनशेषः. (1) - विघस (पुं)
भोजनशेषः. (1) - विघस (पुं)
दानम्. (5) - त्याग (पुं), विहापित (नपुं), दान (नपुं), उत्सर्जन (नपुं), विसर्जन (नपुं)
दानम्. (4) - विश्राणन (नपुं), वितरण (नपुं), स्पर्शन (नपुं), प्रतिपादन (नपुं)
दानम्. (4) - प्रादेशन (नपुं), निर्वपण (नपुं), अपवर्जन (नपुं), अंहति (स्त्री)
मृताहे दानम्. (1) - और्ध्वदेहिक (वि)
पितॄनुद्धिश्यक्रियमाणः दानम्. (2) - पितृदान (नपुं), निवाप (पुं)
श्राद्धकर्मः. (1) - श्राद्ध (नपुं)
श्राद्धकर्मः. (1) - श्राद्ध (नपुं)
अमावास्याश्राद्धम्. (1) - अन्वाहार्य (नपुं)
अह्नो़ष्टमभागः. (1) - कुतप (पुं-नपुं)
अह्नो़ष्टमभागः. (1) - कुतप (पुं-नपुं)
धर्माद्यन्वेषणम्. (4) - पर्येषणा (स्त्री), परीष्टि (स्त्री), अन्वेषणा (स्त्री), गवेषणा (स्त्री)
गुर्वाद्यारादनम्. (2) - सनि (स्त्री), अध्येषणा (स्त्री)
याचनम्. (4) - याञ्चा (स्त्री), अभिशस्ति (स्त्री), याचना (स्त्री), अर्थना (स्त्री)
याचनम्. (4) - याञ्चा (स्त्री), अभिशस्ति (स्त्री), याचना (स्त्री), अर्थना (स्त्री)
अर्घ्यार्थजलम्. (1) - अर्घ्य (वि)
पाद्यजलम्. (1) - पाद्य (वि)
पाद्यजलम्. (1) - पाद्य (वि)
आतिथ्यर्थः. (1) - आतिथ्य (वि)
अतिथिः. (3) - आवेशिक (वि), आगन्तु (वि), अतिथि (पुं)
अभ्यागतः. (2) - प्राघूर्णिक (पुं), प्राघूणक (पुं)
उत्थानपूर्वकसत्कारः. (2) - अभ्युत्थान (नपुं), गौरव (नपुं)
उत्थानपूर्वकसत्कारः. (2) - अभ्युत्थान (नपुं), गौरव (नपुं)
पूजा. (6) - पूजा (स्त्री), नमस्या (स्त्री), अपचिति (स्त्री), सपर्या (स्त्री), अर्चा (स्त्री), अर्हणा (स्त्री)
उपासनम्. (4) - वरिवस्या (स्त्री), शुश्रूषा (स्त्री), परिचर्या (स्त्री), उपासना (स्त्री-नपुं)
अटनम्. (3) - व्रज्या (स्त्री), अटाट्या (स्त्री), पर्यटन (नपुं)
योगमार्गे स्थितः. (1) - चर्या (स्त्री)
योगमार्गे स्थितः. (1) - चर्या (स्त्री)
आचमनम्. (2) - उपस्पर्श (पुं), आचमन (नपुं)
मौनम्. (2) - मौन (नपुं), अभाषण (नपुं)
मौनम्. (2) - मौन (नपुं), अभाषण (नपुं)
वाल्मीकिः. (3) - प्राचेतस् (पुं), आदिकवि (पुं), मैत्रावरुणि (पुं)
वाल्मीकिः. (1) - वाल्मीकि (पुं)
विश्वामित्रः. (3) - गाधेय (पुं), विश्वामित्र (पुं), कौशिक (पुं)
विश्वामित्रः. (3) - गाधेय (पुं), विश्वामित्र (पुं), कौशिक (पुं)
व्यासः. (4) - व्यास (पुं), द्वैपायन (पुं), पाराशर्य (पुं), सत्यवतीसुत (पुं)
क्रमः. (4) - आनुपूर्वी (स्त्री), आवृत्त (वि), परिपाटी (स्त्री), अनुक्रम (पुं)
क्रमः. (1) - पर्याय (पुं)
क्रमोल्लङ्घनम्. (3) - अतिपात (पुं), पर्यय (पुं), उपात्यय (पुं)
क्रमोल्लङ्घनम्. (3) - अतिपात (पुं), पर्यय (पुं), उपात्यय (पुं)
व्रतम्. (2) - नियम (पुं), व्रत (पुं-नपुं)
उपवासादिव्रतम्. (1) - पुण्यक (नपुं)
उपवासादिव्रतम्. (1) - पुण्यक (नपुं)
उपवासः. (2) - औपवस्त (नपुं), उपवास (पुं)
प्रकृतिपुरुषभेदज्ञानम्. (2) - विवेक (पुं), पृथगात्मता (स्त्री)
प्रकृतिपुरुषभेदज्ञानम्. (2) - विवेक (पुं), पृथगात्मता (स्त्री)
ब्रह्मवर्चसम्. (2) - ब्रह्मवर्चस (नपुं), वृत्ताध्ययनर्द्धि (स्त्री)
वेदपाठकाले कृताञ्जलिः. (1) - ब्रह्माञ्जलि (पुं)
मुखनिर्गतबिन्धुः. (1) - ब्रह्मबिन्दु (पुं)
मुखनिर्गतबिन्धुः. (1) - ब्रह्मबिन्दु (पुं)
ध्यानयोगासनम्. (1) - ब्रह्मासन (नपुं)
विधानशास्त्रम्. (3) - कल्प (पुं), विधि (पुं), क्रम (पुं)
विधानशास्त्रम्. (3) - कल्प (पुं), विधि (पुं), क्रम (पुं)
आद्यविधिः. (1) - मुख्य (पुं)
गौणविधिः. (1) - अनुकल्प (पुं)
गौणविधिः. (1) - अनुकल्प (पुं)
वेदपाठारम्भविधिः. (1) - उपाकरण (नपुं)
अभिवादनम्. (2) - पादग्रहण (नपुं), अभिवादन (नपुं)
संन्यासी. (5) - भिक्षु (पुं), परिव्राज् (पुं), कर्मन्दिन् (पुं), पाराशरिन् (पुं), मस्करिन् (पुं)
तपस्वी. (3) - तपस्विन् (पुं), तापस (पुं), पारिकाङ्क्षिन् (पुं)
मौनव्रतिः. (2) - वाचंयम (पुं), मुनि (पुं)
मौनव्रतिः. (2) - वाचंयम (पुं), मुनि (पुं)
तपःक्लेशसहः. (2) - तपःक्लेशसह (वि), दान्त (पुं)
ब्रह्मचारिः. (2) - वर्णिन् (पुं), ब्रह्मचारिन् (पुं)
ब्रह्मचारिः. (2) - वर्णिन् (पुं), ब्रह्मचारिन् (पुं)
ऋषिः. (2) - ऋषि (पुं), सत्यवाक् (पुं)
समाप्तवेदाध्ययनाश्रमान्तरागतः. (2) - स्नातक (पुं), आप्लुतव्रती (पुं)
समाप्तवेदाध्ययनाश्रमान्तरागतः. (2) - स्नातक (पुं), आप्लुतव्रती (पुं)
निर्जितेन्द्रिययतिः. (2) - यतिन् (पुं), यति (पुं)
भूमिशायीव्रतिः. (1) - स्थण्डिलशायिन् (पुं)
भूमिशायीव्रतिः. (1) - स्थाण्डिल (पुं)
निवृत्तरजस्तमोगुणाः. (2) - विरजस्तमस् (पुं), द्वयातिग (पुं)
निवृत्तरजस्तमोगुणाः. (2) - विरजस्तमस् (पुं), द्वयातिग (पुं)
पवित्रः. (3) - पवित्र (पुं), प्रयत (पुं), पूत (पुं)
दुःशास्त्रवर्तिः. (2) - पाषण्ड (पुं), सर्वलिङ्गिन् (पुं)
दुःशास्त्रवर्तिः. (2) - पाषण्ड (पुं), सर्वलिङ्गिन् (पुं)
पलाशदण्डः. (1) - आषाढ (पुं)
वैष्णवदण्डः. (2) - राम्भ (पुं), वैणव (पुं)
वैष्णवदण्डः. (2) - राम्भ (पुं), वैणव (पुं)
कमण्डलुः. (2) - कमण्डलु (पुं-नपुं), कुण्डी (स्त्री)
व्रतीनामासनम्. (1) - वृषी (स्त्री)
व्रतीनामासनम्. (1) - वृषी (स्त्री)
मृगचर्मः. (3) - अजिन (नपुं), चर्मन् (नपुं), कृत्ति (स्त्री)
भिक्षाद्रव्यम्. (1) - भैक्ष (नपुं)
भिक्षाद्रव्यम्. (1) - भैक्ष (नपुं)
वेदाध्ययनम्. (2) - स्वाध्याय (पुं), जप (पुं)
सोमलताकण्डनम्. (3) - सुत्या (स्त्री), अभिषव (पुं), सवन (नपुं)
सोमलताकण्डनम्. (3) - सुत्या (स्त्री), अभिषव (पुं), सवन (नपुं)
अघमर्षणमन्त्रः. (1) - अघमर्षण (वि)
दर्शयागः. (1) - दर्श (पुं)
पौर्णमासयागः. (1) - पौर्णमास (पुं)
पौर्णमासयागः. (1) - पौर्णमास (पुं)
नैत्यिककर्मः. (1) - यम (पुं)
नियमकर्मः. (1) - नियम (पुं)
मुण्डनम्. (4) - क्षौर (नपुं), भद्राकरण (नपुं), मुण्डन (नपुं), वपन (वि)
यज्ञोपवीतम्. (2) - उपवीत (नपुं), यज्ञसूत्र (नपुं)
विपरीतधृतयज्ञोपवीतम्. (1) - प्राचीनावीत (नपुं)
कण्डलम्बितयज्ञोपवीतम्. (1) - निवीत (नपुं)
कण्डलम्बितयज्ञोपवीतम्. (1) - निवीत (नपुं)
देवतीर्थम्. (1) - दैव (नपुं)
कायतीर्थम्. (1) - काय (नपुं)
कायतीर्थम्. (1) - काय (नपुं)
पितृतीर्थम्. (1) - पित्र्य (नपुं)
ब्राह्मतीर्थम्. (1) - ब्राह्म (नपुं)
ब्राह्मतीर्थम्. (1) - ब्राह्म (नपुं)
ब्रह्मभावः. (3) - ब्रह्मभूय (नपुं), ब्रह्मत्व (नपुं), ब्रह्मसायुज्य (नपुं)
देवसायुज्यम्. (1) - देवभूय (नपुं)
प्रायश्चित्तकर्मम्. (1) - कृच्छ्र (नपुं)
प्रायश्चित्तकर्मम्. (1) - कृच्छ्र (नपुं)
प्रायोपवेशः. (1) - प्राय (पुं)
उपासनाग्निनष्टः. (1) - वीरहन् (पुं)
उपासनाग्निनष्टः. (1) - वीरहन् (पुं)
उपासनाग्निनष्टः. (1) - नष्टाग्नि (पुं)
दम्भेनकृतमौनादिः. (1) - कुहना (स्त्री)
दम्भेनकृतमौनादिः. (1) - कुहना (स्त्री)
संस्कारहीनः. (2) - व्रात्य (पुं), संस्कारहीन (पुं)
वेदाध्ययनरहितः. (2) - अस्वाध्याय (पुं), निराकृति (पुं)
वेदाध्ययनरहितः. (2) - अस्वाध्याय (पुं), निराकृति (पुं)
कपटजटाधारिः. (2) - धर्मध्वजिन् (पुं), लिङ्गवृत्ति (पुं)
खण्डितब्रह्मचर्यः. (2) - अवकीर्णिन् (पुं), क्षतव्रत (पुं)
खण्डितब्रह्मचर्यः. (2) - अवकीर्णिन् (पुं), क्षतव्रत (पुं)
सूर्यास्तेसुप्तः. (1) - अभिनिर्मुक्त (पुं)
सूर्योदयेसुप्तः. (1) - अभ्युदित (पुं)
सूर्योदयेसुप्तः. (1) - अभ्युदित (पुं)
ज्येष्ठे़नूढे कृतदारपरिग्रहः. (1) - परिवेतृ (पुं)
परिवेत्तुर्ज्येष्ठभ्राता. (1) - परिवित्ति (पुं)
विवाहः. (2) - विवाह (पुं), उपयम (पुं)
विवाहः. (2) - विवाह (पुं), उपयम (पुं)
विवाहः. (4) - परिणय (पुं), उद्वाह (पुं), उपयाम (पुं), पाणिपीडन (नपुं)
मैथुनम्. (5) - व्यवाय (पुं), ग्राम्यधर्म (पुं), मैथुन (नपुं), निधुवन (नपुं), रत (नपुं)
धर्मकामार्थत्रिवर्गः. (1) - त्रिवर्ग (पुं)
धर्मार्थकाममोक्षचतुर्वर्गः. (1) - चतुर्वर्ग (पुं)
धर्मार्थकाममोक्षचतुर्वर्गः. (1) - चतुर्वर्ग (पुं)
सबलचतुर्वर्गः. (1) - चतुर्भद्र (नपुं)
वरपक्षीयः. (1) - जन्य (पुं)
वरपक्षीयः. (1) - जन्य (पुं)