निषादस्वरः. (1) - निषाद (पुं)
ऋषभस्वरः. (1) - ऋषभ (पुं)
गान्धारस्वरः. (1) - गान्धार (पुं)
षड्जस्वरः. (1) - षड्ज (पुं)
मध्यमस्वरः. (1) - मध्यम (पुं)
धैवतस्वरः. (1) - धैवत (पुं)
ऋषभस्वरः. (1) - ऋषभ (पुं)
गान्धारस्वरः. (1) - गान्धार (पुं)
षड्जस्वरः. (1) - षड्ज (पुं)
मध्यमस्वरः. (1) - मध्यम (पुं)
धैवतस्वरः. (1) - धैवत (पुं)
पञ्चमस्वरः. (1) - पञ्चम (पुं)
सूक्ष्मध्वनिः. (1) - काकली (स्त्री)
अव्यक्तमधुरध्वनिः. (1) - कल (पुं)
गम्भीरध्वनिः. (1) - मन्द्र (पुं)
अत्युच्चध्वनिः. (1) - तार (पुं)
गम्भीरध्वनिः. (1) - मन्द्र (पुं)
अत्युच्चध्वनिः. (1) - तार (पुं)
गीतवाद्यलयसाम्यध्वनिः. (1) - समन्वितलय (पुं)
वीणा. (2) - वीणा (स्त्री), वल्लकी (स्त्री)
वीणा. (2) - वीणा (स्त्री), वल्लकी (स्त्री)
वीणा. (1) - विपञ्ची (स्त्री)
सप्ततन्त्रियुता वीणा-सितारः. (1) - परिवादिनी (स्त्री)
सप्ततन्त्रियुता वीणा-सितारः. (1) - परिवादिनी (स्त्री)
वीणादिवाद्यम्. (1) - तत (नपुं)
मुरजादिवाद्यम्. (1) - आनद्ध (नपुं)
मुरजादिवाद्यम्. (1) - आनद्ध (नपुं)
वंशादिवाद्यम्. (1) - सुषिर (नपुं)
कांस्यतालादिवाद्यम्. (1) - घन (नपुं)
कांस्यतालादिवाद्यम्. (1) - घन (नपुं)
चतुर्वाद्याः. (3) - वाद्य (नपुं), वादित्र (नपुं), आतोद्य (नपुं)
मृदङ्गः. (2) - मृदङ्ग (पुं), मुरज (पुं)
यशःपटहः. (2) - यशःपटह (पुं), ढक्का (स्त्री)
भेरी. (2) - भेरी (स्त्री), दुन्दुभि (पुं)
भेरी. (2) - भेरी (स्त्री), दुन्दुभि (पुं)
पटहः. (2) - आनक (पुं), पटह (पुं-नपुं)
वीणादिवादनम्. (1) - कोण (पुं)
वीणादिवादनम्. (1) - कोण (पुं)
वीणादण्डः. (2) - वीणादण्ड (पुं), प्रवाल (पुं)
वीणादण्डाधःस्थितशब्दगाम्भीर्यार्थचर्मावनद्धदारुभाण्डः. (2) - ककुभ (पुं), प्रसेवक (पुं)
वीणादण्डाधःस्थितशब्दगाम्भीर्यार्थचर्मावनद्धदारुभाण्डः. (2) - ककुभ (पुं), प्रसेवक (पुं)
तन्त्रीहीन वीणा. (1) - कोलम्बक (पुं)
यत्र तन्त्र्यो निबध्यन्ते तस्योर्ध्वविभागः. (1) - उपनाह (पुं)
यत्र तन्त्र्यो निबध्यन्ते तस्योर्ध्वविभागः. (1) - उपनाह (पुं)
वाद्यविशेषः. (4) - डमरु (पुं), मड्डु (पुं), डिण्डिम (पुं), झर्झर (पुं)
वाद्यविशेषः. (2) - मर्दल (पुं), पणव (पुं)
नर्तकी. (2) - नर्तकी (स्त्री), लासिका (स्त्री)
नर्तकी. (2) - नर्तकी (स्त्री), लासिका (स्त्री)
विलम्बितनृत्यगीतवाद्यम्. (1) - तत्त्व (नपुं)
द्रुतनृत्यगीतवाद्यम्. (1) - ओघ (पुं)
मध्यसमयनृत्यगीतवाद्यम्. (1) - घन (नपुं)
द्रुतनृत्यगीतवाद्यम्. (1) - ओघ (पुं)
मध्यसमयनृत्यगीतवाद्यम्. (1) - घन (नपुं)
तालः. (2) - ताल (पुं), कालक्रियामान (नपुं)
गानतन्त्रीलयः. (1) - लय (पुं)
गानतन्त्रीलयः. (1) - लय (पुं)
नृत्यम्. (6) - ताण्डव (पुं-नपुं), नटन (नपुं), नाट्य (नपुं), लास्य (नपुं), नृत्य (नपुं), नर्तन (नपुं)
नृत्यगीतवाद्यानाम् मेलनम्. (2) - तौर्यत्रिक (नपुं), नाट्य (नपुं)
स्त्रीवेषधारी पुरुषः. (3) - भ्रकुंस (पुं), भ्रुकुंस (पुं), भ्रूकुंस (पुं)
अज्जुका. (2) - गणिका (स्त्री), अज्जुका (स्त्री)
भगिनीपतिः. (1) - आवुत्त (पुं)
विद्वान्. (1) - भाव (पुं)
जनकः. (1) - आवुक (पुं)
विद्वान्. (1) - भाव (पुं)
जनकः. (1) - आवुक (पुं)
युवराजः. (2) - कुमार (पुं), भर्तृदारक (पुं)
नाट्योक्तराजा. (2) - भट्टारक (पुं), देव (पुं)
राजपुत्री. (1) - भर्तृदारिका (स्त्री)
राजपुत्री. (1) - भर्तृदारिका (स्त्री)
बद्धपट्टा राज्ञी. (1) - देवी (स्त्री)
राज्ञी. (1) - भट्टिनी (स्त्री)
राज्ञी. (1) - भट्टिनी (स्त्री)
अवध्यब्राह्मणादेर्दोषोक्तिः. (1) - अब्रह्मण्य (नपुं)
राज्ञः श्यालः. (1) - राष्ट्रिय (पुं)
राज्ञः श्यालः. (1) - राष्ट्रिय (पुं)
माता. (2) - अम्बा (स्त्री), मातृ (स्त्री)
राज्ञः बाला. (1) - वासू (स्त्री)
मान्यः. (2) - आर्य (पुं), मारिष (पुं)
राज्ञः बाला. (1) - वासू (स्त्री)
मान्यः. (2) - आर्य (पुं), मारिष (पुं)
ज्येष्ठभगिनी. (1) - अत्तिका (स्त्री)
निर्वहणम्. (2) - निष्ठा (स्त्री), निर्वहण (नपुं)
निर्वहणम्. (2) - निष्ठा (स्त्री), निर्वहण (नपुं)
नीचां प्रत्याह्वानः. (1) - हण्डे (अव्य)
चेडीं प्रत्याह्वानः. (1) - हञ्जे (अव्य)
सखीं प्रत्याह्वानः. (1) - हला (अव्य)
चेडीं प्रत्याह्वानः. (1) - हञ्जे (अव्य)
सखीं प्रत्याह्वानः. (1) - हला (अव्य)
नृत्यविशेषः. (2) - अङ्गहार (पुं), अङ्गविक्षेप (पुं)
मनोगतभावाभिव्यञ्जकम्. (2) - व्यञ्जक (पुं), अभिनय (पुं)
मनोगतभावाभिव्यञ्जकम्. (2) - व्यञ्जक (पुं), अभिनय (पुं)
अङ्गेन निवृत्तं भ्रूविक्षेपादिः. (1) - आङ्गिक (वि)
अन्तःकरणेन निष्पन्नं स्वेदरोमाञ्चादिः. (1) - सात्त्विक (वि)
अन्तःकरणेन निष्पन्नं स्वेदरोमाञ्चादिः. (1) - सात्त्विक (वि)
नवरसेष्वेकः. (6) - शृङ्गार (पुं), वीर (पुं), करुणा (स्त्री), अद्भुत (पुं), हास्य (पुं), भयानक (पुं)
नवरसेष्वेकः. (2) - बीभत्स (पुं), रौद्र (पुं)
शृङ्गाररसः. (3) - शृङ्गार (पुं), शुचि (पुं), उज्ज्वल (पुं)
शृङ्गाररसः. (3) - शृङ्गार (पुं), शुचि (पुं), उज्ज्वल (पुं)
वीररसः. (2) - उत्साहवर्धन (पुं), वीर (पुं)
करुणरसः. (3) - कारुण्य (नपुं), करुणा (स्त्री), घृणा (स्त्री)
करुणरसः. (3) - कारुण्य (नपुं), करुणा (स्त्री), घृणा (स्त्री)
करुणरसः. (4) - कृपा (स्त्री), दया (स्त्री), अनुकम्पा (स्त्री), अनुक्रोश (पुं)
हास्यरसः. (1) - हस (पुं)
हास्यरसः. (1) - हस (पुं)
हास्यरसः. (2) - हास (पुं), हास्य (नपुं)
बीभत्सरसः. (2) - बीभत्स (पुं), विकृत (वि)
बीभत्सरसः. (2) - बीभत्स (पुं), विकृत (वि)
अद्भुतरसः. (4) - विस्मय (पुं), अद्भुत (वि), आश्चर्य (वि), चित्र (वि)
भयानकरसः. (1) - भैरव (वि)
भयानकरसः. (1) - भैरव (वि)
भयानकरसः. (6) - दारुण (वि), भीषण (वि), भीष्म (वि), घोर (वि), भीम (वि), भयानक (वि)
भयानकरसः. (2) - भयङ्कर (वि), प्रतिभय (वि)
रौद्ररसः. (2) - रौद्र (वि), उग्र (वि)
रौद्ररसः. (2) - रौद्र (वि), उग्र (वि)
भयम्. (6) - दर (पुं), त्रास (पुं), भीति (स्त्री), भी (स्त्री), साध्वस (नपुं), भय (नपुं)
मनोविकारः. (1) - विकार (पुं)
चित्तविकारप्रकाशककटाक्षादिः. (1) - अनुभाव (पुं)
चित्तविकारप्रकाशककटाक्षादिः. (1) - अनुभाव (पुं)
अहङ्कारः. (3) - गर्व (पुं), अभिमान (पुं), अहङ्कार (पुं)
अभिमानः. (2) - मान (पुं), चित्तसमुन्नति (स्त्री)
अभिमानः. (2) - मान (पुं), चित्तसमुन्नति (स्त्री)
मदः. (6) - दर्प (पुं), अवलेप (पुं), अवष्टम्भ (पुं), चित्तोद्रेक (पुं), स्मय (पुं), मद (पुं)
परिभवः. (4) - अनादर (पुं), परिभव (पुं), परीभाव (पुं), तिरस्क्रिया (स्त्री)
परिभवः. (5) - रीढा (स्त्री), अवमानना (स्त्री), अवज्ञा (स्त्री), अवहेलन (नपुं), असूर्क्षण (नपुं)
लज्जा. (5) - मन्दाक्ष (नपुं), ह्री (स्त्री), त्रपा (स्त्री), व्रीडा (स्त्री), लज्जा (स्त्री)
पित्रादेः पुरतः जातलज्जा. (1) - अपत्रपा (स्त्री)
पित्रादेः पुरतः जातलज्जा. (1) - अपत्रपा (स्त्री)
क्षमा. (2) - क्षान्ति (स्त्री), तितिक्षा (स्त्री)
परद्रव्येच्छा. (1) - अभिध्या (स्त्री)
परद्रव्येच्छा. (1) - अभिध्या (स्त्री)
परोत्कर्षासहिष्णुत्वम्. (2) - अक्षान्ति (स्त्री), ईर्ष्या (स्त्री)
गुणेषु दोषारोपः. (1) - असूया (स्त्री)
गुणेषु दोषारोपः. (1) - असूया (स्त्री)
वैरम्. (3) - वैर (नपुं), विरोध (पुं), विद्वेष (पुं)
शोकः. (3) - मन्यु (पुं), शोक (पुं), शुच् (स्त्री)
शोकः. (3) - मन्यु (पुं), शोक (पुं), शुच् (स्त्री)
पश्चात्तापः. (3) - पश्चात्ताप (पुं), अनुताप (पुं), विप्रतीसार (पुं)
कोपः. (7) - कोप (पुं), क्रोध (पुं), अमर्ष (पुं), रोष (पुं), प्रतिघ (पुं), रुट् (स्त्री), क्रुध् (स्त्री)
सुस्वभावः. (1) - शील (नपुं)
चित्तविभ्रमः. (2) - उन्माद (पुं), चित्तविभ्रम (पुं)
चित्तविभ्रमः. (2) - उन्माद (पुं), चित्तविभ्रम (पुं)
स्नेहः. (5) - प्रेमन् (पुं), प्रियता (स्त्री), हार्द (नपुं), प्रेमन् (नपुं), स्नेह (पुं)
स्पृहा. (1) - दोहद (नपुं)
स्पृहा. (1) - दोहद (नपुं)
स्पृहा. (8) - इच्छा (स्त्री), काङ्क्षा (स्त्री), स्पृहा (स्त्री), ईहा (स्त्री), तृष् (स्त्री), वाञ्छा (स्त्री), लिप्सा (स्त्री), मनोरथ (पुं)
स्पृहा. (3) - काम (पुं), अभिलाष (पुं), तर्ष (पुं)
अतिप्रीतिः. (1) - लालसा (स्त्री-पुं)
अतिप्रीतिः. (1) - लालसा (स्त्री-पुं)
धर्मविचारः. (2) - उपाधि (पुं), धर्मचिन्ता (स्त्री)
मनःपीडा. (1) - आधि (पुं)
मनःपीडा. (1) - आधि (पुं)
स्मरणम्. (3) - चिन्ता (स्त्री), स्मृति (स्त्री), आध्यान (नपुं)
कामादिजस्मृतिः. (2) - उत्कण्ठा (स्त्री), उत्कलिका (स्त्री)
कामादिजस्मृतिः. (2) - उत्कण्ठा (स्त्री), उत्कलिका (स्त्री)
उत्साहः. (2) - उत्साह (पुं), अध्यवसाय (पुं)
अतिशयिताध्यवसायः. (2) - वीर्य (वि), अतिशक्तिभाज् (पुं)
अतिशयिताध्यवसायः. (2) - वीर्य (वि), अतिशक्तिभाज् (पुं)
कपटः. (6) - कपट (पुं-नपुं), व्याज (पुं), दम्भ (पुं), उपधि (पुं), छद्म (नपुं), कैतव (नपुं)
कपटः. (3) - कुसृति (स्त्री), निकृति (स्त्री), शाठ्य (नपुं)
अविमृष्टकृत्यम्. (2) - प्रमाद (पुं), अनवधानता (स्त्री)
अविमृष्टकृत्यम्. (2) - प्रमाद (पुं), अनवधानता (स्त्री)
कौतुकम्. (4) - कौतूहल (नपुं), कौतुक (नपुं), कुतुक (नपुं), कुतूहल (नपुं)
स्त्रीणाम् श्रृङ्गारभावजाः क्रिया. (4) - विलास (पुं), बिब्बोक (पुं), विभ्रम (पुं), ललित (नपुं)
स्त्रीणाम् श्रृङ्गारभावजाः क्रिया. (3) - हेला (स्त्री), लीला (स्त्री), हाव (पुं)
क्रीडा. (6) - द्रव (पुं), केलि (स्त्री-पुं), परीहास (पुं), क्रीडा (स्त्री), लीला (स्त्री), नर्मन् (नपुं)
स्वरूपाच्छादनम्. (3) - व्याज (पुं), अपदेश (पुं), लक्ष्य (नपुं)
कन्दुकादिक्रीडनम्. (3) - क्रीडा (स्त्री), खेला (स्त्री), कूर्दन (नपुं)
कन्दुकादिक्रीडनम्. (3) - क्रीडा (स्त्री), खेला (स्त्री), कूर्दन (नपुं)
प्रस्वेदहेतोस्तापः. (3) - घर्म (पुं), निदाघ (पुं), स्वेद (पुं)
सात्विकभावः. (2) - प्रलय (पुं), नष्टचेष्टता (स्त्री)
सात्विकभावः. (2) - प्रलय (पुं), नष्टचेष्टता (स्त्री)
आकारगोपनम्. (2) - अवहित्था (स्त्री), आकारगुप्ति (स्त्री)
हर्षादिना कर्मसु त्वरणम्. (2) - संवेग (पुं), सम्भ्रम (पुं)
हर्षादिना कर्मसु त्वरणम्. (2) - संवेग (पुं), सम्भ्रम (पुं)
परस्यामर्षजनकहासम्. (1) - आच्छुरितक (नपुं)
ईषद् हासः. (2) - मनाक् (अव्य), स्मित (नपुं)
ईषद् हासः. (2) - मनाक् (अव्य), स्मित (नपुं)
मध्यमहासः. (1) - विहसित (नपुं)
रोमाञ्चः. (2) - रोमाञ्च (पुं), रोमहर्षण (नपुं)
रोमाञ्चः. (2) - रोमाञ्च (पुं), रोमहर्षण (नपुं)
रोदनम्. (3) - क्रन्दित (नपुं), रुदित (नपुं), क्रुष्ट (नपुं)
मुखादिविकासः. (2) - जृम्भ (वि), जृम्भण (नपुं)
मुखादिविकासः. (2) - जृम्भ (वि), जृम्भण (नपुं)
अङ्गीकृतासम्पादनम्. (2) - विप्रलम्भ (पुं), विसंवाद (पुं)
धर्मादेश्चलनम्. (2) - रिङ्खण (नपुं), स्खलन (नपुं)
धर्मादेश्चलनम्. (2) - रिङ्खण (नपुं), स्खलन (नपुं)
निद्रा. (5) - निद्रा (स्त्री), शयन (नपुं), स्वाप (पुं), स्वप्न (पुं), संवेश (पुं)
अत्यन्तश्रमादिना सर्वेन्द्रियासामर्थ्यः. (2) - तन्द्री (स्त्री), प्रमीला (स्त्री)
क्रोधादिजनितभ्रूलता. (3) - भ्रकुटि (स्त्री), भ्रुकुटि (स्त्री), भ्रूकुटि (स्त्री)
क्रोधादिजनितभ्रूलता. (3) - भ्रकुटि (स्त्री), भ्रुकुटि (स्त्री), भ्रूकुटि (स्त्री)
क्रूरदृष्टिः. (1) - अदृष्टि (स्त्री)
स्वभावः. (2) - संसिद्धि (स्त्री), प्रकृति (स्त्री)
स्वभावः. (2) - संसिद्धि (स्त्री), प्रकृति (स्त्री)
स्वभावः. (3) - स्वरूप (नपुं), स्वभाव (पुं), निसर्ग (पुं)
कम्पः. (1) - वेपथु (पुं)
कम्पः. (1) - वेपथु (पुं)
कम्पः. (1) - कम्प (पुं)
उत्सवः. (5) - क्षण (पुं), उद्धर्ष (पुं), मह (पुं), उद्धव (पुं), उत्सव (पुं)
उत्सवः. (5) - क्षण (पुं), उद्धर्ष (पुं), मह (पुं), उद्धव (पुं), उत्सव (पुं)