क्षत्रियः. (5) - मूर्धाभिषिक्त (पुं), राजन्य (पुं), बाहुज (पुं), क्षत्रिय (पुं), विराज् (पुं)
राजा. (7) - राज् (पुं), राज् (पुं), पार्थिव (पुं), क्ष्माभृत् (पुं), नृप (पुं), भूप (पुं), महीक्षित् (पुं)
सर्वसंनिहितनृपवशकारी. (1) - अधीश्वर (पुं)
चक्रवर्ती. (2) - चक्रवर्तिन् (पुं), सार्वभौम (पुं)
मण्डलेश्वरः. (1) - मण्डलेश्वर (पुं)
मण्डलेश्वरः. (1) - मण्डलेश्वर (पुं)
सम्राट्. (1) - सम्राट् (पुं)
राजसमूहः. (1) - राजक (नपुं)
राजसमूहः. (1) - राजक (नपुं)
क्षत्रियसमूहः. (1) - राजन्यक (नपुं)
मन्त्री. (3) - मन्त्रिन् (पुं), धीसचिव (पुं), अमात्य (पुं)
सहायकारिः. (1) - कर्मसचिव (पुं)
सहायकारिः. (1) - कर्मसचिव (पुं)
प्रधानोद्योगस्थाः. (2) - महामात्र (पुं), प्रधान (नपुं)
धर्माध्यक्षः. (2) - पुरोधस् (पुं), पुरोहित (पुं)
धर्माध्यक्षः. (2) - पुरोधस् (पुं), पुरोहित (पुं)
न्यायाधीशः. (2) - प्राड्विवाक (पुं), अक्षदर्शक (पुं)
द्वारपालकः. (5) - प्रतीहार (पुं), द्वारपाल (पुं), द्वाःस्थ (पुं), द्वास्थित (पुं), दर्शक (पुं)
राज्ञः रक्षिगणम्. (2) - रक्षिवर्ग (पुं), अनीकस्थ (पुं)
अधिकारी. (2) - अध्यक्ष (पुं), अधिकृत (पुं)
अधिकारी. (2) - अध्यक्ष (पुं), अधिकृत (पुं)
एकग्रामाधिकारी. (1) - स्थायुक (पुं)
बहुग्रामाधिकृतः. (1) - गोप (पुं)
बहुग्रामाधिकृतः. (1) - गोप (पुं)
सुवर्णाधिकृतः. (2) - भौरिक (पुं), कनकाध्यक्ष (पुं)
रूप्याधिकृतः. (2) - रूप्याध्यक्ष (पुं), नैष्किक (पुं)
रूप्याधिकृतः. (2) - रूप्याध्यक्ष (पुं), नैष्किक (पुं)
अन्तःपुराधिकृतः. (1) - अन्तर्वंशिक (पुं)
अन्तःपुरस्य रक्षाधिकारी. (4) - सौविदल्ल (पुं), कञ्चुकिन् (पुं), स्थापत्य (पुं), सौविद (पुं)
अन्तःपुरचारिणनपुंसकाः. (2) - शण्ढ (पुं), वर्षवर (पुं)
सेवकः. (3) - सेवक (पुं), अर्थिन् (पुं), अनुजीविन् (पुं)
सेवकः. (3) - सेवक (पुं), अर्थिन् (पुं), अनुजीविन् (पुं)
स्वदेशाव्यवहितदेशराजा. (1) - शत्रु (पुं)
शत्रुराज्याव्यवहितराजा. (1) - मित्र (नपुं)
शत्रुराज्याव्यवहितराजा. (1) - मित्र (नपुं)
शत्रुमित्राभ्यां परतरः राजा. (1) - उदासीन (पुं)
पृष्ठतो वर्तमानः राजा. (1) - पार्ष्णिग्राह (पुं)
पृष्ठतो वर्तमानः राजा. (1) - पार्ष्णिग्राह (पुं)
शत्रुः. (7) - रिपु (पुं), वैरिन् (पुं), सपत्न (पुं), अरि (पुं), द्विषत् (पुं), द्वेषण (पुं), दुर्हृद् (पुं)
शत्रुः. (7) - द्विष् (पुं), विपक्ष (पुं), अहित (पुं), अमित्र (नपुं), दस्यु (पुं), शात्रव (पुं), शत्रु (पुं)
शत्रुः. (5) - अभिघातिन् (पुं), पर (पुं), अराति (पुं), प्रत्यर्थिन् (पुं), परिपन्थिन् (पुं)
तुल्यवयस्कः. (3) - वयस्य (पुं), स्निग्ध (पुं), सवयस् (पुं)
मित्रम्. (3) - मित्र (पुं), सखि (पुं), सुहृद् (पुं)
मित्रम्. (3) - मित्र (पुं), सखि (पुं), सुहृद् (पुं)
सख्यधर्मः. (2) - सख्य (नपुं), साप्तपदीन (नपुं)
अनुसरणम्. (2) - अनुरोध (पुं), अनुवर्तन (नपुं)
अनुसरणम्. (2) - अनुरोध (पुं), अनुवर्तन (नपुं)
चारपुरुषः. (5) - यथार्हवर्ण (पुं), प्रणिधि (पुं), अपसर्प (पुं), चर (पुं), स्पश (पुं)
चारपुरुषः. (2) - चार (पुं), गूढपुरुष (पुं)
विश्वासाधारः. (2) - आप्त (पुं), प्रत्ययित (वि)
विश्वासाधारः. (2) - आप्त (पुं), प्रत्ययित (वि)
ज्यौतिषिकः. (4) - सांवत्सर (पुं), ज्यौतिषिक (पुं), दैवज्ञ (पुं), गणक (पुं)
ज्यौतिषिकः. (4) - मौहूर्तिक (पुं), मौहूर्त (पुं), ज्ञानिन् (पुं), कार्तान्तिक (पुं)
तत्वार्थज्ञाता. (2) - तान्त्रिक (पुं), ज्ञातसिद्धान्त (पुं)
सदान्नादिदानकर्तुः गृहस्थः. (2) - सत्रिन् (पुं), गृहपति (पुं)
सदान्नादिदानकर्तुः गृहस्थः. (2) - सत्रिन् (पुं), गृहपति (पुं)
लेखकः. (4) - लिपिकार (पुं), अक्षरचण (पुं), अक्षरचुञ्चु (पुं), लेखक (पुं)
लिपिः. (2) - लिपि (स्त्री), लिबि (स्त्री)
दूतः. (2) - सन्देशहर (पुं), दूत (पुं)
दूतकर्मः. (1) - दूत्य (नपुं)
दूतकर्मः. (1) - दूत्य (नपुं)
पान्थः. (5) - अध्वनीन (पुं), अध्वग (पुं), अध्वन्य (पुं), पान्थ (पुं), पथिक (पुं)
राजा. (1) - स्वामिन् (पुं)
मन्त्री. (1) - अमात्य (पुं)
मित्रम्. (1) - सुहृद् (पुं)
भण्डारम्. (1) - कोश (पुं)
स्वभूमिः. (1) - राष्ट्र (नपुं)
पर्वतादयः. (1) - दुर्ग (नपुं)
सेना. (1) - बल (पुं)
मन्त्री. (1) - अमात्य (पुं)
मित्रम्. (1) - सुहृद् (पुं)
भण्डारम्. (1) - कोश (पुं)
स्वभूमिः. (1) - राष्ट्र (नपुं)
पर्वतादयः. (1) - दुर्ग (नपुं)
सेना. (1) - बल (पुं)
राज्याङ्गाः. (2) - राज्याङ्ग (नपुं), प्रकृति (स्त्री)
राज्यगुणः. (6) - सन्धि (पुं), विग्रह (पुं), यान (नपुं), आसन (नपुं), द्वैध (नपुं), आश्रय (पुं)
राजशक्तिः. (3) - प्रभाव (पुं), उत्साह (पुं), मन्त्रजा (स्त्री)
अष्टवर्गाणां क्षयः. (1) - क्षय (पुं)
अष्टवर्गाणां स्थितिः. (1) - स्थान (नपुं)
अष्टवर्गाणां वृद्धिः. (1) - वृद्धि (स्त्री)
अष्टवर्गाणां स्थितिः. (1) - स्थान (नपुं)
अष्टवर्गाणां वृद्धिः. (1) - वृद्धि (स्त्री)
कोशदण्डजतेजः. (2) - प्रताप (पुं), प्रभाव (पुं)
उपायाः. (4) - भेद (पुं), दण्ड (पुं), सामन् (नपुं), दान (नपुं)
दण्डः. (3) - साहस (नपुं), दम (पुं), दण्ड (पुं)
सामः. (2) - सामन् (नपुं), सान्त्व (नपुं)
सामः. (2) - सामन् (नपुं), सान्त्व (नपुं)
भेदः. (2) - भेद (पुं), उपजाप (पुं)
धर्माद्यैः परीक्षणम्. (1) - उपधा (स्त्री)
धर्माद्यैः परीक्षणम्. (1) - उपधा (स्त्री)
द्वाभ्यामेव कृत मन्त्रः. (1) - अषडक्षीण (वि)
विजनः. (5) - विविक्त (वि), विजन (वि), छन्न (वि), निःशलाक (वि), रहस् (नपुं)
विजनः. (2) - रहस् (अव्य), उपांशु (अव्य)
रहस्यम्. (1) - रहस्य (वि)
रहस्यम्. (1) - रहस्य (वि)
विश्वासः. (2) - विस्रम्भ (पुं), विश्वास (पुं)
भ्रंशः. (1) - भ्रेष (पुं)
भ्रंशः. (1) - भ्रेष (पुं)
नीतिः. (5) - अभ्रेष (पुं), न्याय (पुं), कल्प (पुं), देशरूप (नपुं), समञ्जस (नपुं)
न्यायादनपेतद्रव्यम्. (5) - युक्त (वि), औपयिक (वि), लभ्य (वि), भजमान (वि), अभिनीत (वि)
न्यायादनपेतद्रव्यम्. (1) - न्याय्य (वि)
युक्तायुक्तपरीक्षणम्. (2) - सम्प्रधारणा (स्त्री), समर्थन (नपुं)
युक्तायुक्तपरीक्षणम्. (2) - सम्प्रधारणा (स्त्री), समर्थन (नपुं)
आज्ञा. (4) - अववाद (पुं), निर्देश (पुं), निदेश (पुं), शासन (नपुं)
आज्ञा. (2) - शिष्टि (स्त्री), आज्ञा (स्त्री)
मर्यादा. (4) - संस्था (स्त्री), मर्यादा (स्त्री), धारणा (स्त्री), स्थिति (स्त्री)
मर्यादा. (4) - संस्था (स्त्री), मर्यादा (स्त्री), धारणा (स्त्री), स्थिति (स्त्री)
अपराधः. (3) - आगस् (नपुं), अपराध (पुं), मन्तु (पुं)
बन्धनम्. (2) - उद्दान (नपुं), बन्धन (नपुं)
बन्धनम्. (2) - उद्दान (नपुं), बन्धन (नपुं)
द्विगुणदण्डः. (1) - द्विपाद्य (पुं)
बलिः. (3) - भागधेय (पुं), कर (पुं), बलि (पुं)
बलिः. (3) - भागधेय (पुं), कर (पुं), बलि (पुं)
शुल्कः. (1) - शुल्क (पुं-नपुं)
देवताभ्यो दीयमानः. (2) - प्राभृत (नपुं), प्रदेशन (नपुं)
देवताभ्यो दीयमानः. (2) - प्राभृत (नपुं), प्रदेशन (नपुं)
उपहारः. (4) - उपायन (नपुं), उपग्राह्य (नपुं), उपहार (पुं), उपदा (स्त्री)
अवश्यं दीयमानद्रव्यम्. (2) - सुदाय (पुं), हरण (नपुं)
वर्तमानकालः. (2) - तत्काल (पुं), तदात्व (नपुं)
सद्योजायमानफलम्. (1) - सान्दृष्टिक (नपुं)
भाविनः फलम्. (1) - उदर्क (पुं)
भाविनः फलम्. (1) - उदर्क (पुं)
अग्न्यादिकृतभयम्. (1) - अदृष्ट (नपुं)
स्वपरसैन्याद्भयम्. (1) - दृष्ट (नपुं)
स्वपरसैन्याद्भयम्. (1) - दृष्ट (नपुं)
स्वपक्षप्रभवभयम्. (1) - अहिभय (नपुं)
राज्ञां छत्रचामरादिव्यापारः. (2) - प्रक्रिया (स्त्री), अधिकार (पुं)
चामरम्. (2) - चामर (नपुं), प्रकीर्णक (नपुं)
चामरम्. (2) - चामर (नपुं), प्रकीर्णक (नपुं)
राजासनम्. (2) - नृपासन (नपुं), भद्रासन (नपुं)
सुवर्णकृतराजासनम्. (1) - सिंहासन (नपुं)
सुवर्णकृतराजासनम्. (1) - सिंहासन (नपुं)
छत्रम्. (2) - छत्र (नपुं), आतपत्र (नपुं)
नृपच्छत्रम्. (1) - नृपलक्ष्म (नपुं)
नृपच्छत्रम्. (1) - नृपलक्ष्म (नपुं)
पूर्णघटम्. (2) - भद्रकुम्भ (पुं), पूर्णकुम्भ (पुं)
सुवर्णजलपात्रम्. (2) - भृङ्गार (पुं), कनकालुका (स्त्री)
सुवर्णजलपात्रम्. (2) - भृङ्गार (पुं), कनकालुका (स्त्री)
सैन्यवासस्थानम्. (2) - निवेश (पुं), शिबिर (नपुं)
सैन्यरक्षणप्रहरिकादिः. (2) - सज्जन (नपुं), उपरक्षण (नपुं)
सैन्यरक्षणप्रहरिकादिः. (2) - सज्जन (नपुं), उपरक्षण (नपुं)
हस्त्यश्वरथपादातसेना. (1) - सेनाङ्ग (नपुं)
हस्तिः. (6) - दन्तिन् (पुं), दन्तावल (पुं), हस्तिन् (पुं), द्विरद (पुं), अनेकप (पुं), द्विप (पुं)
हस्तिः. (6) - मतङ्गज (पुं), गज (पुं), नाग (पुं), कुञ्जर (पुं), वारण (पुं), करिन् (पुं)
हस्तिः. (3) - इभ (पुं), स्तम्बेरम (पुं), पद्मिन् (पुं)
यूथमुख्यहस्तिः. (2) - यूथनाथ (पुं), यूथप (पुं)
यूथमुख्यहस्तिः. (2) - यूथनाथ (पुं), यूथप (पुं)
अन्तर्मदहस्तिः. (2) - मदोत्कट (पुं), मदकल (पुं)
करिपोतः. (2) - कलभ (पुं), करिशावक (पुं)
करिपोतः. (2) - कलभ (पुं), करिशावक (पुं)
मत्तगजः. (3) - प्रभिन्न (पुं), गर्जित (पुं), मत्त (पुं)
गतमतगजः. (2) - उद्वान्त (पुं), निर्मद (पुं)
गतमतगजः. (2) - उद्वान्त (पुं), निर्मद (पुं)
हस्तिवृन्दम्. (2) - हास्तिक (नपुं), गजता (स्त्री)
हस्तिनी. (3) - करिणी (स्त्री), धेनुका (स्त्री), वशा (स्त्री)
हस्तिनी. (3) - करिणी (स्त्री), धेनुका (स्त्री), वशा (स्त्री)
गजगण्डः. (2) - गण्ड (पुं), कट (पुं)
मदजलम्. (2) - मद (पुं), दान (नपुं)
शुण्डानिर्गतजलम्. (2) - वमथु (पुं), करशीकर (पुं)
मदजलम्. (2) - मद (पुं), दान (नपुं)
शुण्डानिर्गतजलम्. (2) - वमथु (पुं), करशीकर (पुं)
गजमस्तकौ. (3) - कुम्भ (पुं), पिण्ड (पुं), शिरस् (नपुं)
गजमस्तकमध्यभागः. (1) - विदु (पुं)
गजमस्तकमध्यभागः. (1) - विदु (पुं)
गजललाटम्. (1) - अवग्रह (पुं)
गजनेत्रगोलकम्. (1) - ईषिका (स्त्री)
गजनेत्रगोलकम्. (1) - ईषिका (स्त्री)
गजापाङ्गदेशः. (1) - निर्याण (नपुं)
गजकर्णमूलम्. (1) - चूलिका (स्त्री)
गजकर्णमूलम्. (1) - चूलिका (स्त्री)
गजकुम्भाधोभागः. (1) - वाहित्थ (नपुं)
वाहित्थाधोभागदन्तमध्यम्. (1) - प्रतिमान (नपुं)
वाहित्थाधोभागदन्तमध्यम्. (1) - प्रतिमान (नपुं)
गजस्कन्धदेशः. (2) - आसन (नपुं), स्कन्धदेश (पुं)
गजमुखादिस्थबिन्दुसमूहः. (2) - पद्मक (नपुं), बिन्दुजालक (नपुं)
गजमुखादिस्थबिन्दुसमूहः. (2) - पद्मक (नपुं), बिन्दुजालक (नपुं)
गजपार्श्वभागः. (2) - पार्श्वभाग (पुं), पक्षभाग (पुं)
अग्रभागः. (1) - दन्तभाग (पुं)
अग्रभागः. (1) - दन्तभाग (पुं)
गजजङ्घापूर्वभागः. (1) - गात्र (नपुं)
गजजङ्घापरोभागः. (1) - आवर (नपुं)
गजजङ्घापरोभागः. (1) - आवर (नपुं)
गजतोदनदण्डः. (2) - तोत्र (नपुं), वेणुक (नपुं)
गजबन्धनस्तम्भः. (2) - आलान (नपुं), बन्धस्तम्भ (पुं)
गजशृङ्खला. (1) - शृङ्खल (वि)
गजबन्धनस्तम्भः. (2) - आलान (नपुं), बन्धस्तम्भ (पुं)
गजशृङ्खला. (1) - शृङ्खल (वि)
गजशृङ्खला. (2) - अन्दुक (पुं), निगड (पुं-नपुं)
गजाङ्कुशः. (2) - अङ्कुश (पुं-नपुं), सृणि (स्त्री)
गजाङ्कुशः. (2) - अङ्कुश (पुं-नपुं), सृणि (स्त्री)
गजमध्यबन्धनचर्मरज्जुः. (3) - दूष्या (स्त्री), कक्ष्या (स्त्री), वरत्रा (स्त्री)
गजसज्जीकरणम्. (2) - कल्पना (स्त्री), सज्जना (स्त्री)
गजसज्जीकरणम्. (2) - कल्पना (स्त्री), सज्जना (स्त्री)
गजपृष्टवर्ती चित्रकम्बलः. (5) - प्रवेणि (स्त्री), आस्तरण (नपुं), वर्ण (पुं), परिस्तोम (पुं), कुथ (स्त्री-पुं)
निर्बलहस्त्यश्वसमूहः. (1) - वीत (नपुं)
गजबन्धनशाला. (2) - वारी (स्त्री), गजबन्धनी (स्त्री)
गजबन्धनशाला. (2) - वारी (स्त्री), गजबन्धनी (स्त्री)
अश्वः. (6) - घोटक (पुं), वीति (पुं), तुरग (पुं), तुरङ्ग (पुं), अश्व (पुं), तुरङ्गम (पुं)
अश्वः. (7) - वाजिन् (पुं), वाह (पुं), अर्वन् (पुं), गन्धर्व (पुं), हय (पुं), सैन्धव (पुं), सप्ति (पुं)
कुलीनाश्वः. (2) - आजानेय (पुं), कुलीन (पुं)
सम्यग्गतिमान् वाजिः. (2) - विनीत (पुं), साधुवाहिन् (पुं)
सम्यग्गतिमान् वाजिः. (2) - विनीत (पुं), साधुवाहिन् (पुं)
वनायुदेशवाजिः. (1) - वनायुज (पुं)
पारसीदेशवाजिः. (1) - पारसीक (पुं)
काम्बोजदेशवाजिः. (1) - काम्बोज (पुं)
बाल्हिकदेशवाजिः. (1) - बाह्लिक (पुं)
पारसीदेशवाजिः. (1) - पारसीक (पुं)
काम्बोजदेशवाजिः. (1) - काम्बोज (पुं)
बाल्हिकदेशवाजिः. (1) - बाह्लिक (पुं)
अश्वमेधीयवाजिः. (2) - ययु (पुं), अश्वमेधीय (पुं)
अधिकवेगवाजिः. (2) - जवन (पुं), जवाधिक (पुं)
अधिकवेगवाजिः. (2) - जवन (पुं), जवाधिक (पुं)
भारवाह्यश्वः. (2) - पृष्ठ्य (पुं), स्थौरिन् (पुं)
शुक्लाश्वः. (2) - सित (पुं), कर्क (पुं)
रथवाहकाश्वः. (1) - रथ्य (पुं)
शुक्लाश्वः. (2) - सित (पुं), कर्क (पुं)
रथवाहकाश्वः. (1) - रथ्य (पुं)
अश्वबालः. (2) - बाल (पुं), किशोर (पुं)
अश्वा. (3) - वामी (स्त्री), अश्वा (स्त्री), वडवा (स्त्री)
अश्वसमूहः. (1) - वाडव (नपुं)
अश्वा. (3) - वामी (स्त्री), अश्वा (स्त्री), वडवा (स्त्री)
अश्वसमूहः. (1) - वाडव (नपुं)
अश्वेन दिनैकाक्रमणदेशः. (1) - आश्वीन (वि)
अश्वमध्यम्. (1) - कश्य (नपुं)
अश्वशब्दः. (2) - हेषा (स्त्री), ह्रेषा (स्त्री)
अश्वशब्दः. (2) - हेषा (स्त्री), ह्रेषा (स्त्री)
अश्वगलसमीपभागः. (2) - निगाल (पुं), गलोद्देश (पुं)
अश्ववृन्दम्. (2) - आश्वीय (नपुं), आश्व (नपुं)
अश्ववृन्दम्. (2) - आश्वीय (नपुं), आश्व (नपुं)
अश्वगतिविशेषः. (5) - आस्कन्दित (नपुं), धौरितक (नपुं), रेचित (नपुं), वल्गित (नपुं), प्लुत (नपुं)
आस्कन्दितादि पञ्चगतयः. (1) - धारा (स्त्री)
अश्वनासिका. (2) - घोणा (स्त्री), प्रोथ (पुं-नपुं)
अश्वनासिका. (2) - घोणा (स्त्री), प्रोथ (पुं-नपुं)
खलीनः. (2) - कविका (स्त्री), खलीन (पुं-नपुं)
मृगपादः. (2) - शफ (नपुं), खुर (पुं)
मृगपादः. (2) - शफ (नपुं), खुर (पुं)
मृगपुच्छः. (3) - पुच्छ (पुं-नपुं), लूमन् (नपुं), लाङ्गूल (नपुं)
केशवल्लाङ्गूलम्. (2) - वालहस्त (पुं), वालधि (पुं)
केशवल्लाङ्गूलम्. (2) - वालहस्त (पुं), वालधि (पुं)
श्रान्त्या भूमौ लुठिताश्वः. (2) - उपावृत्त (वि), लुठित (वि)
रथः. (3) - शताङ्ग (पुं), स्यन्दन (पुं), रथ (पुं)
क्रीडारथः. (1) - पुष्यरथ (पुं)
पुरुषस्कन्धवाह्ययानम्. (3) - कर्णीरथ (पुं), प्रवहण (नपुं), डयन (नपुं)
शकटम्. (2) - अनस् (नपुं), शकट (पुं-नपुं)
शकटिका. (2) - गन्त्री (स्त्री), कम्बलिवाह्यक (नपुं)
शकटिका. (2) - गन्त्री (स्त्री), कम्बलिवाह्यक (नपुं)
पालकी. (2) - शिबिका (स्त्री), याप्ययान (नपुं)
दोला. (2) - दोला (स्त्री), प्रेङ्खा (स्त्री)
दोला. (2) - दोला (स्त्री), प्रेङ्खा (स्त्री)
व्याघ्रचर्मवेष्टितरथः. (2) - द्वैप (वि), वैयाघ्र (वि)
शुक्लकम्बलवेष्टितरथः. (1) - पाण्डुकम्बलिन् (वि)
कम्बलाद्यावृतरथः. (1) - काम्बल (पुं)
रथसमूहः. (3) - रथ्या (स्त्री), रथकट्या (स्त्री), रथव्रज (पुं)
रथादीनां मुखभागः. (2) - धू (स्त्री), यानमुख (नपुं)
रथावयवमात्रम्. (2) - रथाङ्ग (नपुं), अपस्कर (पुं)
रथावयवमात्रम्. (2) - रथाङ्ग (नपुं), अपस्कर (पुं)
चक्रम्. (2) - चक्र (नपुं), रथाङ्ग (नपुं)
चक्रान्तभागः. (2) - नेमि (स्त्री), प्रधि (पुं)
चक्रान्तभागः. (2) - नेमि (स्त्री), प्रधि (पुं)
रथचक्रमध्यमण्डलाकारः. (2) - पिण्डिका (स्त्री), नाभि (पुं)
चक्रधारणकीलकम्. (2) - अक्षाग्रकीलक (पुं), अणि (स्त्री-पुं)
चक्रधारणकीलकम्. (2) - अक्षाग्रकीलक (पुं), अणि (स्त्री-पुं)
शस्त्राघादरक्षनार्थलोहादिमयावरणम्. (2) - रथगुप्ति (स्त्री), वरूथ (पुं)
युगकाष्ठबन्धनस्थानम्. (2) - कूबर (पुं), युगन्धर (पुं)
युगकाष्ठबन्धनस्थानम्. (2) - कूबर (पुं), युगन्धर (पुं)
रथस्याधस्थदारुः. (1) - अनुकर्ष (पुं)
अन्यवृषयुग्मम्. (1) - प्रासङ्ग (पुं)
अन्यवृषयुग्मम्. (1) - प्रासङ्ग (पुं)
वाहनम्. (5) - वाहन (नपुं), यान (नपुं), युग्य (नपुं), पत्र (नपुं), धोरण (नपुं)
परम्परावाहनम्. (1) - वैनीतक (पुं-नपुं)
हस्तिपकः. (4) - आधोरण (पुं), हस्तिपक (पुं), हस्त्यारोह (पुं), निषादिन् (पुं)
सारथिः. (6) - नियन्तृ (पुं), प्राजितृ (पुं), यन्तृ (पुं), सूत (पुं), क्षन्त्रृ (पुं), सारथि (पुं)
सारथिः. (2) - सव्येष्ठ (पुं), दक्षिणस्थ (पुं)
रथारूढयोद्धा. (2) - रथिन् (पुं), स्यन्दनारोह (पुं)
अश्वारोहः. (2) - अश्वारोह (पुं), सादिन् (पुं)
अश्वारोहः. (2) - अश्वारोह (पुं), सादिन् (पुं)
योद्धा. (3) - भट (पुं), योध (पुं), योद्धृ (पुं)
सेनारक्षकः. (2) - सेनारक्ष (पुं), सैनिक (पुं)
सेनारक्षकः. (2) - सेनारक्ष (पुं), सैनिक (पुं)
सेनायां समवेतः. (2) - सैन्य (पुं), सैनिक (पुं)
सहस्रभटनेता. (2) - साहस्र (पुं), सहस्रिन् (पुं)
सेनानियन्तः. (2) - परिधिस्थ (पुं), परिचर (पुं)
सैन्याधिपतिः. (2) - सेनानी (पुं), वाहिनीपति (पुं)
सैन्याधिपतिः. (2) - सेनानी (पुं), वाहिनीपति (पुं)
चोलकादिसन्नाहः. (2) - कञ्चुक (पुं), वारबाण (पुं-नपुं)
दार्ढ्यार्थं कञ्चुकोपरि बद्धः. (2) - सारसन (नपुं), अधिकाङ्ग (पुं)
शिरस्त्राणः. (1) - शीर्षक (नपुं)
शिरस्त्राणः. (1) - शीर्षक (नपुं)
शिरस्त्राणः. (2) - शीर्षण्य (नपुं), शिरस्त्र (नपुं)
सन्नाहः. (3) - तनुत्र (नपुं), वर्मन् (नपुं), दंशन (नपुं)
सन्नाहः. (3) - तनुत्र (नपुं), वर्मन् (नपुं), दंशन (नपुं)
सन्नाहः. (4) - उरःछद (पुं), कङ्कटक (पुं), जगर (पुं), कवच (पुं-नपुं)
परिहितकवचः. (4) - आमुक्त (वि), प्रतिमुक्त (वि), पिनद्ध (वि), अपिनद्ध (वि)
धृतकवचः. (5) - संनद्ध (वि), वर्मित (वि), सज्ज (वि), दंशित (वि), व्यूढकङ्कट (वि)
धृतकवचगणः. (1) - कावचिक (नपुं)
पदातिः. (5) - पदाति (पुं), पत्ति (पुं), पदग (पुं), पादातिक (पुं), पदाजि (पुं)
पदातिः. (2) - पद्ग (पुं), पदिक (पुं)
पदातिसमूहः. (2) - पादात (पुं), पत्तिसंहति (स्त्री)
पदातिसमूहः. (2) - पादात (पुं), पत्तिसंहति (स्त्री)
आयुधजीविः. (4) - शस्त्राजीव (पुं), काण्डपृष्ठ (पुं), आयुधीय (पुं), आयुधिक (पुं)
सम्यक्कृतशराभ्यासः. (3) - कृतहस्त (पुं), सुप्रयोगविशिख (पुं), कृतपुङ्ख (पुं)
लक्ष्यश्चुतसायकः. (1) - अपराद्धपृषत्क (पुं)
धनुर्धरः. (6) - धन्विन् (पुं), धनुष्मत् (पुं), धानुष्क (पुं), निषङ्गिन् (पुं), अस्त्रिन् (पुं), धनुर्धर (पुं)
बाणधारिः. (2) - काण्डवत् (पुं), काण्डीर (पुं)
शक्त्यायुधधारिः. (2) - शाक्तीक (पुं), शक्तिहेतिक (पुं)
शक्त्यायुधधारिः. (2) - शाक्तीक (पुं), शक्तिहेतिक (पुं)
यष्टिहेतिकः. (1) - याष्टीक (पुं)
पर्श्वधहेतिकः. (1) - पारश्वधिक (पुं)
पर्श्वधहेतिकः. (1) - पारश्वधिक (पुं)
खड्गधारिः. (2) - नैस्त्रिंशिक (पुं), असिहेति (पुं)
प्रासायुधिः. (1) - प्रासिक (पुं)
कुन्तायुधिः. (1) - कौन्तिक (पुं)
प्रासायुधिः. (1) - प्रासिक (पुं)
कुन्तायुधिः. (1) - कौन्तिक (पुं)
फलकधारकः. (2) - चर्मिन् (पुं), फलकपाणि (पुं)
ध्वजधारिः. (2) - पताकिन् (पुं), वैजयन्तिक (पुं)
ध्वजधारिः. (2) - पताकिन् (पुं), वैजयन्तिक (पुं)
सहायकः. (4) - अनुप्लव (पुं), सहाय (पुं), अनुचर (पुं), अभिचर (पुं)
अग्रेसरः. (5) - पुरोग (पुं), अग्रेसर (पुं), प्रष्ठ (पुं), अग्रतःसर (पुं), पुरःसर (पुं)
अग्रेसरः. (2) - पुरोगम (पुं), पुरोगामिन् (पुं)
शनैर्गमनशीलः. (2) - मन्दगामिन् (पुं), मन्थर (पुं)
शनैर्गमनशीलः. (2) - मन्दगामिन् (पुं), मन्थर (पुं)
अतिवेगगमनशीलः. (2) - जङ्घाल (पुं), अतिजव (पुं)
जङ्घाजीविः. (2) - जङ्घाकरिक (पुं), जाङ्घिक (पुं)
जङ्घाजीविः. (2) - जङ्घाकरिक (पुं), जाङ्घिक (पुं)
त्वरितवन्मात्रः. (6) - तरस्विन् (पुं), त्वरित (पुं), वेगिन् (पुं), प्रजविन् (पुं), जवन (पुं), जव (पुं)
जेतुं शक्यः. (1) - जय्य (पुं)
जेतुं योग्यः. (1) - जेय (पुं)
जेतुं योग्यः. (1) - जेय (पुं)
जेता. (2) - जैत्र (पुं), जेतृ (पुं)
ससामर्थ्यम् शत्रूणां सम्मुखं गतः. (3) - अभ्यमित्र्य (पुं), अभ्यमित्रीय (पुं), अभ्यमित्रीण (पुं)
बलातिशयवान्. (3) - ऊर्जस्वल (पुं), ऊर्जस्विन् (पुं), ऊर्जातिशयान्वित (पुं)
विपुलोरः. (2) - उरस्वत् (पुं), उरसिल (पुं)
रथस्वामिः. (3) - रथिर (पुं), रथिक (पुं), रथिन् (पुं)
रथस्वामिः. (3) - रथिर (पुं), रथिक (पुं), रथिन् (पुं)
यथेष्टं गमनशिलः. (2) - कामङ्गामिन् (पुं), अनुकामीन (पुं)
अतिगमनशीलः. (1) - अत्यन्तीन (पुं)
अतिगमनशीलः. (1) - अत्यन्तीन (पुं)
शूरः. (3) - शूर (पुं), वीर (पुं), विक्रान्त (पुं)
जयशीलः. (3) - जेतृ (पुं), जिष्णु (पुं), जित्वर (पुं)
जयशीलः. (3) - जेतृ (पुं), जिष्णु (पुं), जित्वर (पुं)
युद्धकुशलः. (1) - सांयुगीन (पुं)
सेना. (6) - ध्वजिनी (स्त्री), वाहिनी (स्त्री), सेना (स्त्री), पृतना (स्त्री), अनीकिनी (स्त्री), चमू (स्त्री)
सेना. (5) - वरूथिनी (स्त्री), बल (पुं), सैन्य (पुं), चक्र (पुं), अनीक (पुं-नपुं)
सैन्यव्यूहः. (2) - व्यूह (पुं), बलविन्यास (पुं)
व्यूहपृष्टभागः. (2) - प्रत्यासार (पुं), व्यूहपार्ष्णि (पुं)
सैन्यपृष्टानीकः. (1) - प्रतिग्रह (पुं)
सैन्यपृष्टानीकः. (1) - प्रतिग्रह (पुं)
पत्तिसेना. (1) - पत्ति (पुं)
सेनामुखनामकसेना. (1) - सेनामुख (नपुं)
गुल्मसेना. (1) - गुल्म (पुं)
गणसेना. (1) - गण (पुं)
वाहिनीसेना. (1) - वाहिनी (स्त्री)
पृतनासेना. (1) - पृतना (स्त्री)
चमूसेना. (1) - चमू (स्त्री)
गुल्मसेना. (1) - गुल्म (पुं)
गणसेना. (1) - गण (पुं)
वाहिनीसेना. (1) - वाहिनी (स्त्री)
पृतनासेना. (1) - पृतना (स्त्री)
चमूसेना. (1) - चमू (स्त्री)
अनीकिनीसेना. (1) - अनीकिनी (स्त्री)
अक्षौहिणीसेना. (1) - अक्षौहिणी (स्त्री)
धनसमृद्धिः. (1) - सम्पद् (स्त्री)
अक्षौहिणीसेना. (1) - अक्षौहिणी (स्त्री)
धनसमृद्धिः. (1) - सम्पद् (स्त्री)
धनसमृद्धिः. (3) - सम्पत्ति (स्त्री), श्री (स्त्री), लक्ष्मी (स्त्री)
आपत्. (3) - विपत्ति (स्त्री), विपद् (स्त्री), आपद् (स्त्री)
आपत्. (3) - विपत्ति (स्त्री), विपद् (स्त्री), आपद् (स्त्री)
आयुधम्. (2) - आयुध (नपुं), प्रहरण (नपुं)
शस्त्रायुधम्. (1) - शस्त्र (पुं-नपुं)
अस्त्रायुधम्. (1) - अस्त्र (पुं-नपुं)
शस्त्रायुधम्. (1) - शस्त्र (पुं-नपुं)
अस्त्रायुधम्. (1) - अस्त्र (पुं-नपुं)
धनुः. (6) - धनुस् (पुं-नपुं), चाप (पुं-नपुं), धन्वन् (नपुं), शरासन (नपुं), कोदण्ड (नपुं), कार्मुक (नपुं)
धनुः. (1) - इष्वास (पुं)
कर्णधनुः. (1) - कालपृष्ठ (नपुं)
कर्णधनुः. (1) - कालपृष्ठ (नपुं)
अर्जुनधनुः. (2) - गाण्डीव (पुं-नपुं), गाण्डिव (पुं-नपुं)
धनुषः अन्त्यभागः. (2) - कोटि (स्त्री), अटनी (स्त्री)
ज्याघातवारणः. (2) - गोधा (स्त्री), तल (नपुं)
ज्याघातवारणः. (2) - गोधा (स्त्री), तल (नपुं)
धनुर्मध्यम्. (2) - लस्तक (पुं), धनुर्मध्य (नपुं)
ज्या. (4) - मोर्वी (स्त्री), ज्या (स्त्री), शिञ्जिनी (स्त्री), गुण (पुं)
ज्या. (4) - मोर्वी (स्त्री), ज्या (स्त्री), शिञ्जिनी (स्त्री), गुण (पुं)
धन्विनां स्थानभेदः. (2) - प्रत्यालीढ (नपुं), आलीढ (नपुं)
लक्ष्यम्. (3) - लक्ष (नपुं), लक्ष्य (नपुं), शरव्य (नपुं)
शरक्षेपाभ्यासः. (2) - शराभ्यास (पुं), उपासन (नपुं)
शरक्षेपाभ्यासः. (2) - शराभ्यास (पुं), उपासन (नपुं)
बाणः. (6) - पृषत्क (पुं), बाण (पुं), विशिख (पुं), अजिह्मग (पुं), खग (पुं), आशुग (पुं)
बाणः. (6) - कलम्ब (पुं), मार्गण (पुं), शर (पुं), पत्रिन् (पुं), रोप (पुं), इषु (स्त्री-पुं)
सर्वलोहमयशरः. (2) - प्रक्ष्वेडन (पुं), नाराच (पुं)
शरपक्षः. (2) - पक्ष (पुं), वाज (पुं)
शरपक्षः. (2) - पक्ष (पुं), वाज (पुं)
प्रक्षिप्तबाणः. (1) - निरस्त (वि)
विषसम्बद्धबाणः. (2) - दिग्ध (वि), लिप्तक (वि)
विषसम्बद्धबाणः. (2) - दिग्ध (वि), लिप्तक (वि)
शराधारः. (5) - तूण (पुं), उपासङ्ग (पुं), तूणीर (पुं), निषङ्ग (पुं), इषुधि (स्त्री-पुं)
शराधारः. (1) - तूणी (स्त्री)
खड्गः. (5) - खड्ग (पुं), निस्त्रिंश (पुं), चन्द्रहास (पुं), असि (पुं), रिष्टि (पुं)
खड्गः. (5) - खड्ग (पुं), निस्त्रिंश (पुं), चन्द्रहास (पुं), असि (पुं), रिष्टि (पुं)
खड्गः. (4) - कौक्षेयक (पुं), मण्डलाग्र (पुं), करवाल (पुं), कृपाण (पुं)
खड्गाद्यायुधमुष्टिः. (1) - त्सरु (पुं)
खड्गमुष्टिनिबन्धनम्. (1) - मेखला (स्त्री)
खड्गमुष्टिनिबन्धनम्. (1) - मेखला (स्त्री)
फलकः. (3) - फलक (पुं-नपुं), फल (नपुं), चर्मन् (नपुं)
फलकमुष्टिः. (1) - सङ्ग्राह (पुं)
फलकमुष्टिः. (1) - सङ्ग्राह (पुं)
मुद्गरः. (3) - द्रुघण (पुं), मुद्गर (पुं), घन (पुं)
ह्रस्वखड्गः. (2) - ईली (स्त्री), करवालिका (स्त्री)
ह्रस्वखड्गः. (2) - ईली (स्त्री), करवालिका (स्त्री)
अश्मक्षेपसाधनम्. (2) - भिन्दिपाल (पुं), सृग (पुं)
लोहाङ्गी. (2) - परिघ (पुं), परिघातन (पुं)
लोहाङ्गी. (2) - परिघ (पुं), परिघातन (पुं)
कुठारः. (4) - कुठार (स्त्री-पुं), स्वधिति (स्त्री-पुं), परशु (स्त्री-पुं), परश्वध (पुं)
छुरिका. (4) - शस्त्री (स्त्री), असिपुत्री (स्त्री), छुरिका (स्त्री), असिधेनुका (स्त्री)
बाणाग्रायुधविशेषः. (2) - शल्य (पुं-नपुं), शङ्कु (पुं)
तोमरः. (2) - सर्वला (स्त्री), तोमर (पुं-नपुं)
तोमरः. (2) - सर्वला (स्त्री), तोमर (पुं-नपुं)
कुन्तः. (2) - प्रास (पुं), कुन्त (पुं)
खड्गादिप्रान्तभागः. (4) - कोण (पुं), पाली (स्त्री), अश्रि (स्त्री), कोटि (स्त्री)
खड्गादिप्रान्तभागः. (4) - कोण (पुं), पाली (स्त्री), अश्रि (स्त्री), कोटि (स्त्री)
चतुरङ्गसैन्यसन्नाहः. (3) - सर्वाभिसार (पुं), सर्वौघ (पुं), सर्वसन्नहन (नपुं)
प्रस्तानात्प्राग् शस्त्रवाहनादिपूजा. (1) - लोहाभिहार (पुं)
शत्रौ ससैन्यगमनम्. (1) - अभिषेणन (नपुं)
प्रयाणम्. (6) - यात्रा (स्त्री), व्रज्या (स्त्री), अभिनिर्याण (नपुं), प्रस्थान (नपुं), गमन (नपुं), गम (पुं)
सैन्यस्य सर्वतो व्याप्तिः. (2) - आसार (पुं), प्रसरण (नपुं)
प्रस्थितसैन्यः. (2) - प्रचक्र (नपुं), चलित (नपुं)
प्रस्थितसैन्यः. (2) - प्रचक्र (नपुं), चलित (नपुं)
निर्भीकयायिः. (1) - अभिक्रम (पुं)
प्रातर्जागरणकारिः. (2) - वैतालिक (पुं), बोधकर (पुं)
घण्टिकावादयः. (2) - चाक्रिक (पुं), घाण्टिक (पुं)
घण्टिकावादयः. (2) - चाक्रिक (पुं), घाण्टिक (पुं)
वंशपरम्पराशंसकाः. (2) - मागध (पुं), मगध (पुं)
राजादिस्तुतिपाठकः. (2) - वन्दिन् (पुं), स्तुतिपाठक (पुं)
राजादिस्तुतिपाठकः. (2) - वन्दिन् (पुं), स्तुतिपाठक (पुं)
शपतवशात्सङ्ग्रामादपरावर्तिः. (1) - संशप्तक (पुं)
रजः. (4) - रेणु (स्त्री-पुं), धूलि (स्त्री), पांसु (पुं), रजस् (नपुं)
पिष्टस्य रजः. (2) - चूर्ण (नपुं), क्षोद (पुं)
अतिसङ्कुलसैन्याः. (2) - समुत्पिञ्ज (पुं), पिञ्जल (पुं)
अतिसङ्कुलसैन्याः. (2) - समुत्पिञ्ज (पुं), पिञ्जल (पुं)
पताका. (4) - पताका (स्त्री), वैजयन्ती (स्त्री), केतन (नपुं), ध्वज (पुं-नपुं)
भयङ्करयुद्धभूमिः. (1) - वीराशंसन (नपुं)
अहम्पूर्वमहम्पूर्वमिति. (1) - अहम्पूर्विका (स्त्री)
आत्मनि शक्त्याविष्कारः. (1) - आहोपुरुषिका (स्त्री)
परस्पराहङ्कारः. (1) - अहमहमिका (स्त्री)
सामर्थ्यम्. (7) - द्रविण (नपुं), तरस् (नपुं), सहस् (नपुं), बल (नपुं), शौर्य (नपुं), स्थामन् (नपुं), शुष्म (नपुं)
सामर्थ्यम्. (3) - शक्ति (स्त्री), पराक्रम (पुं), प्राण (पुं)
अतिपराक्रमः. (2) - विक्रम (पुं), अतिशक्तिता (स्त्री)
अतिपराक्रमः. (2) - विक्रम (पुं), अतिशक्तिता (स्त्री)
युद्धारम्भे अन्ते वा पानकर्मः. (1) - वीरपाण (नपुं)
युद्धम्. (5) - युद्ध (नपुं), आयोधन (नपुं), जन्य (पुं), प्रधन (नपुं), प्रविदारण (नपुं)
युद्धम्. (5) - मृध (नपुं), आस्कन्दन (नपुं), सङ्ख्य (नपुं), समीक (नपुं), साम्परायिक (नपुं)
युद्धम्. (5) - समर (पुं), अनीक (पुं), रण (पुं), कलह (पुं), विग्रह (पुं)
युद्धम्. (5) - सम्प्रहार (पुं), अभिसम्पात (पुं), कलि (पुं), संस्फोट (पुं), संयुग (पुं)
युद्धम्. (5) - अभ्यामर्द (पुं), समाघात (पुं), सङ्ग्राम (पुं), अभ्यागम (पुं), आहव (पुं)
युद्धम्. (6) - समुदाय (पुं), संयत् (स्त्री), समिति (स्त्री), आजि (स्त्री), समित् (स्त्री), युध् (स्त्री)
बाहुयुद्धम्. (2) - नियुद्ध (नपुं), बाहुयुद्ध (नपुं)
रणव्याकुलता. (2) - तुमुल (नपुं), रणसङ्कुल (नपुं)
रणव्याकुलता. (2) - तुमुल (नपुं), रणसङ्कुल (नपुं)
योधानां सिंहनादः. (2) - क्ष्वेडा (स्त्री), सिंहनाद (पुं)
हस्तिसङ्घः. (2) - घटना (स्त्री), घटा (स्त्री)
हस्तिसङ्घः. (2) - घटना (स्त्री), घटा (स्त्री)
स्पर्धया योधनामाह्वानम्. (2) - क्रन्दन (नपुं), योधसंराव (पुं)
हस्तिगर्जनम्. (2) - बृंहित (नपुं), करिगर्जित (नपुं)
हस्तिगर्जनम्. (2) - बृंहित (नपुं), करिगर्जित (नपुं)
धनुषः शब्दः. (1) - विस्फार (पुं)
युद्धपटहः. (2) - पटह (पुं), आडम्बर (पुं)
युद्धपटहः. (2) - पटह (पुं), आडम्बर (पुं)
बलात्कारः. (3) - प्रसभ (नपुं), बलात्कार (पुं), हठ (पुं)
युद्धमर्यादायाश्चलनम्. (2) - स्खलित (नपुं), छल (नपुं)
युद्धमर्यादायाश्चलनम्. (2) - स्खलित (नपुं), छल (नपुं)
शुभाशुभसूचकः. (3) - अजन्य (नपुं), उत्पात (पुं), उपसर्ग (पुं)
मूर्च्छा. (3) - मूर्छा (स्त्री), कश्मल (नपुं), मोह (पुं)
परचक्र पीडनम्. (2) - अवमर्द (पुं), पीडन (नपुं)
परचक्र पीडनम्. (2) - अवमर्द (पुं), पीडन (नपुं)
छलादाक्रमणम्. (2) - अभ्यवस्कन्दन (नपुं), अभ्यासादन (नपुं)
विजयः. (2) - विजय (पुं), जय (पुं)
विजयः. (2) - विजय (पुं), जय (पुं)
वैरशोधनम्. (3) - वैरशुद्धि (स्त्री), प्रतीकार (पुं), वैरनिर्यातन (नपुं)
पलायनम्. (6) - प्रद्राव (पुं), उद्द्राव (पुं), सन्द्राव (पुं), सन्दाव (पुं), विद्रव (पुं), द्रव (पुं)
पलायनम्. (2) - अपक्रम (पुं), अपयान (नपुं)
पराजयः. (2) - भङ्ग (पुं), पराजय (पुं)
पराजयः. (2) - भङ्ग (पुं), पराजय (पुं)
निर्जितः. (2) - पराजित (वि), पराभूत (वि)
निलीनः. (2) - नष्ट (वि), तिरोहित (वि)
निलीनः. (2) - नष्ट (वि), तिरोहित (वि)
मारणम्. (4) - प्रमापण (नपुं), निबर्हण (नपुं), निकारण (नपुं), विशारण (नपुं)
मारणम्. (4) - प्रवासन (नपुं), परासन (नपुं), निषूदन (नपुं), निहिंसन (नपुं)
मारणम्. (4) - निर्वासन (नपुं), संज्ञपन (नपुं), निर्ग्रन्थन (नपुं), अपासन (नपुं)
मारणम्. (4) - निस्तर्हण (नपुं), निहनन (नपुं), क्षणन (नपुं), परिवर्जन (नपुं)
मारणम्. (4) - निर्वापण (नपुं), विशसन (नपुं), मारण (नपुं), प्रतिघातन (नपुं)
मारणम्. (4) - उद्वासन (नपुं), प्रमथन (नपुं), क्रथन (नपुं), उज्जासन (नपुं)
मारणम्. (6) - आलम्भ (पुं), पिञ्ज (पुं), विशर (पुं), घात (पुं), उन्माथ (पुं), वध (पुं)
मरणम्. (5) - पञ्चता (स्त्री), कालधर्म (पुं), दिष्टान्त (पुं), प्रलय (पुं), अत्यय (पुं)
मरणम्. (5) - अन्त (पुं), नाश (पुं), मृत्यु (स्त्री-पुं), मरण (नपुं), निधन (पुं-नपुं)
मृतः. (5) - परासु (वि), प्राप्तपञ्चत्व (वि), परेत (वि), प्रेत (वि), संस्थित (वि)
मृतः. (2) - मृत (वि), प्रमीत (वि)
चिता. (3) - चिता (स्त्री), चित्या (स्त्री), चिति (स्त्री)
चिता. (3) - चिता (स्त्री), चित्या (स्त्री), चिति (स्त्री)
छिन्नशिरसः शरीरम्. (1) - कबन्ध (पुं-नपुं)
प्रेतभूमिः. (2) - श्मशान (नपुं), पितृवन (नपुं)
मृतशरीरम्. (2) - कुणप (नपुं), शव (पुं-नपुं)
मृतशरीरम्. (2) - कुणप (नपुं), शव (पुं-नपुं)
बन्दिशाला. (3) - प्रग्रह (पुं), उपग्रह (पुं), वन्दी (स्त्री)
बन्धनगृहम्. (2) - कारा (स्त्री), बन्धनालय (पुं)
बन्धनगृहम्. (2) - कारा (स्त्री), बन्धनालय (पुं)
पञ्चवायवः. (2) - असु (पुं-बहु), प्राण (पुं)
जीवनम्. (2) - जीव (पुं), असुधारण (नपुं)
जीवनम्. (2) - जीव (पुं), असुधारण (नपुं)
जीवावच्छिन्नकालः. (2) - आयुस् (नपुं), जीवितकाल (पुं)
मृतसञ्जीवनौषधः. (2) - जीवातु (पुं), जीवनौषध (नपुं)
मृतसञ्जीवनौषधः. (2) - जीवातु (पुं), जीवनौषध (नपुं)